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मौनी अमावस्या पर हेमा मालिनी से लेकर बाबा रामदेव तक ने महाकुंभ में लगाई आस्था की डुबकी, देखें तस्वीरें
Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या का अमृत स्नान ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजे से शुरू हुआ. दूसरे अमृत स्नान करने के लिए सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के नागा संन्यासी पहुंचे उसके बाद श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई.
प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार (29 जनवरी, 2025) को मौनी अमावस्या के अवसर पर दूसरा अमृत स्नान हो रहा है. मौनी अमावस्या के अवसर पर विभिन्न अखाड़ों के साधु संतों ने अमृत स्नान किया और त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई. साधु संतों के बाद कई बड़ी हस्तियों ने अमृत स्नान किया.
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मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ में भाजपा सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी भी दूसरे स्नान करने पहुंची थी. उन्होंने कहा कि महा स्नान के शुभ अवसर पर मुझे यहां पावन स्नान करने का अवसर मिला. ये मेरा सौभाग्य है. बहुत अच्छा लगा. करोड़ों लोग आए हुए हैं.
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प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर हेमा मालिनी के साथ योग गुरु बाबा रामदेव भी नजर आए. अमृत स्नान के बाद उन्होंने कुंभ में हुई भगदड़ को लेकर कहा, "हमने घायल लोगों के लिए प्रार्थना करते हुए और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ पावन स्नान किया है. सभी दैवीय शक्तियों से प्रार्थना की है."
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हेमा मालिनी और बाबा रामदेव जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के साथ दूसरे 'अमृत स्नान' में शामिल हुए थे.
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दूसरे अमृत स्नान के लिए जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि हम अमृत स्नान के लिए जा रहे हैं. यह भारत के उत्थान के लिए एकता का महाकुंभ है, सामाजिक समरसता का महाकुंभ है."
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निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरि ने भी मौनी अमावस्या के अवसर पर दूसरा अमृत स्नान किया. उन्होंने कहा कि आज हमने गंगा पूजन किया और लोगों की शांति और समृद्धि के लिए पूजा की. मैं प्रशासन और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को स्नान के लिए किए गए सभी इंतजामों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं"
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प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने भी अमृत स्नान किया और उसके बाद कहा कि बहुत आनंद आ रहा है.आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है.
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मौनी अमावस्या के अवसर पर आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने भी डुबकी लगाई. उन्होंने कहा कि आज वह संगम घाट पर नहीं गया क्योंकि वहां भीड़ बहुत ज्यादा है. पूरी गंगा और यमुना की धारा में 'अमृत' बह रहा है. अगर आप कहीं भी गंगा या यमुना में स्नान करेंगे तो 'अमृत' आपको प्राप्त होगा. ये आवश्यक नहीं है कि संगम में ही आपको डुबकी लगानी है.
Published at : 29 Jan 2025 04:51 PM (IST)
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