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24 hours before Death: मौत से 24 घंटे पहले दिखने लगते हैं ये 3 लक्षण, जान लें क्या-क्या होता है महसूस?
Signs before Death: अगर जिंदगी में कोई बात सबसे ज्यादा सच है, वह है कि इंसान को एक दिन जरूर मरना है. चलिए आपको बताते हैं कि मौत से पहले शरीर क्या लक्षण दिखाने लगता है.
पैलिएटिव केयर में काम करने वाली नर्सें अक्सर लोगों को मौत से जुड़े डर से बाहर निकालने की कोशिश करती हैं. अमेरिका की हॉस्पिस नर्स जूली मैकफैडन भी इसी काम में कई सालों से जुड़ी हैं. उन्होंने अपने अनुभवों पर एक किताब भी लिखी है ताकि लोग इस सफर को थोड़ा सहज महसूस कर सकें.
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जूली सोशल मीडिया पर नर्स जूली के नाम से जानी जाती हैं. वहां वह यह बताती हैं कि लोग अपने आखिरी दिनों में कैसी बातें करते हैं. जैसे परिवार के लिए प्यार जताना, शुक्रिया बोलना या किसी गलती के लिए माफी मांगना. यह सब उनके वीडियो देखने वालों को काफी भावुक कर देता है.
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उनका कहना है कि कई बार लोग अपने जाने का समय खुद चुन लेते हैं. किसी खास दिन का इंतजार, किसी रिश्तेदार का आना या किसी घटना के पूरे होने के बाद ही वे दुनिया छोड़ते हैं. यह समझा पाना मुश्किल है, लेकिन वर्षों से उन्होंने यह पैटर्न देखा है.
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कई बार मरीज खुद बता देते हैं कि वे किस दिन या किस समय जाएंगे. जूली एक ऐसे मरीज को याद करती हैं जो बिल्कुल सामान्य लग रहा था, लेकिन उसने कहा कि वह उसी रात गुजर जाएगा और वही हुआ.
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जूली बताती हैं कि मौत के करीब 24 घंटे पहले शरीर कुछ संकेत देने लगता है. एक आवाज अक्सर सुनाई देती है, जिसे डेथ रैटल कहा जाता है. यह तब होता है जब मरीज निगलने की ताकत खो देता है और गले में लार व बलगम जमने लगता है. यह आवाज परिवारवालों को बेचैन कर सकती है, लेकिन मरीज को इसका दर्द नहीं होता.
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इसके अलावा सांसों का पैटर्न भी बदल जाता है. सांसें बहुत धीमी, अनियमित और खिंची हुई हो जाती हैं. कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे मरीज की सांस रुक गई हो, लेकिन कुछ सेकंड बाद वह फिर सांस लेता है. यह भी शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा है.
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कुछ लोगों में एगोनल ब्रीदिंग होती है. जिसमें सांसें हांफने जैसी लगती हैं. ये देखने में कठिन हो सकती हैं, लेकिन शोध बताते हैं कि मरीज को इससे दर्द नहीं होता. यह शरीर की आखिरी कोशिश होती है खुद को जिंदा रखने की.
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जूली कहती हैं कि इन संकेतों को देखकर समझ आ जाता है कि मरीज का समय करीब है. परिवार के लिए यह पल मुश्किल होते हैं, लेकिन इन बदलावों को समझने से उन्हें मानसिक रूप से थोड़ा सहारा मिलता है.
Published at : 18 Nov 2025 09:55 AM (IST)
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