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Childhood Trauma: जवानी में भी परेशान करते हैं बचपन के ये 6 ट्रॉमा, डॉक्टर से जान लें इससे बचने के तरीके
Why Childhood Trauma Affects Adults: बचपन की कुछ यादें या कुछ घटनाएं हमारे दिल में घर कर जाती हैं और जवानी और बुढ़ापे तक हमारा पीछा नहीं छोड़ती. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.
बचपन के ज़ख्म अक्सर उम्र के साथ मिटते नहीं हैं. “बीता हुआ वक्त बीत जाता है.” यह बात चाइल्डहुड ट्रॉमा पर बिल्कुल लागू नहीं होती. कई बार बचपन में हुई चोटें, डर और अनदेखे दर्द चुपचाप दबे रहते हैं और फिर बड़े होने पर अचानक व्यवहार और भावनाओं में सामने आते हैं.
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कई लोग महसूस ही नहीं करते कि जिन दिक्कतों से वे जूझ रहे हैं, उनकी जड़ बचपन के किसी अनुभव में छिपी है. कोलंबिया यूनिवर्सिटी से प्रशिक्षित साइकोलॉजिस्ट डॉ. जूडिथ जोसेफ बताती हैं कि ऐसे अनुभव दिमाग को इस तरह ढाल देते हैं कि इंसान हर समय खतरे का आभास करता रहता है. बचपन में जो प्रतिक्रियाएं हमें बचाती थीं, वही बाद में जीवन को मुश्किल बना देती हैं.
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डॉ. जोसेफ कहती हैं कि ट्रॉमा सिर्फ ‘फाइट या फ्लाइट’ तक सीमित नहीं है. फॉन और फ्रीज जैसी प्रतिक्रियाएं भी इसका हिस्सा हैं. PTSD के 20 से ज्यादा लक्षण होते हैं, इसलिए कई बार बीमारी पहचान में ही नहीं आती.
Published at : 04 Dec 2025 02:29 PM (IST)
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