Blue Turmeric: प्रियंका गांधी रोज खाती हैं नीली हल्दी, आप भी जान लीजिए इसके फायदे
Blue Turmeric Benefits: नीली हल्दी को काली हल्दी या करकुमा कैसिया भी कहते हैं. यह सामान्य पीली हल्दी से अलग होती है. बाहर से भूरी और अंदर से नीली-बैंगनी रंग की होती है.

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने नीली हल्दी का जिक्र किया. इसकी जानकारी उन्होंने पीएम मोदी से बातचीत के दौरान दी और नीली हल्दी खासियत भी बताईं. आइए जानते हैं कि आपकी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद होती है नीली हल्दी?
कितनी फायदेमंद है नीली हल्दी?
प्रियंका गांधी वाड्रा ने बताया कि वह रोजाना नीली हल्दी का सेवन करती हैं. वह प्रदूषण से बचाव, गले की खराश तथा एलर्जी से राहत के लिए इसे रोजाना खाती हैं. बता दें कि नीली हल्दी वायनाड की मिट्टी में उगती है और बहुत फायदेमंद होती है.
कैसी होती है नीली हल्दी?
गौरतलब है कि नीली हल्दी को काली हल्दी या करकुमा कैसिया भी कहते हैं. यह सामान्य पीली हल्दी से अलग होती है. बाहर से भूरी और अंदर से नीली-बैंगनी रंग की होती है. दरअसल, इसमें करक्यूमिन की मात्रा ज्यादा होती है और कपूर जैसी खुशबू आती है. यह उत्तर-पूर्वी भारत, केरल के वायनाड और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में उगाई जाती है. दुर्लभ होने के कारण यह महंगी भी होती है.
नीली हल्दी के क्या होते हैं फायदे?
नीली हल्दी पर हुईं कई स्टडीज के मुताबिक, नीली हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण काफी ज्यादा होते हैं. इसमें कपूर, एआर-टर्मेरोन और अन्य आवश्यक तेल पाए जाते हैं. यह इम्युनिटी बढ़ाती है, सूजन कम करती है और कई बीमारियों से बचाव करती है. साथ ही, प्रदूषण के इस दौर में यह फेफड़ों और गले को मजबूत बनाती है.
क्या कैंसर की भी काट है नीली हल्दी?
नई दिल्ली एम्स के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में असोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक शंकर के मुताबिक, नीली हल्दी में करक्यूमिन काफी ज्यादा होता है, जिसकी वजह से यह एंटी-कैंसर गुण रखती है. लैब स्टडीज में सामने आया है कि यह कैंसर सेल्स की ग्रोथ रोकने में मदद करती है. हालांकि, इसे दवा की जगह नहीं लेना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. वहीं, हरिद्वार स्थित पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल में आयुर्वेद स्पेशलिस्ट डॉ. रश्मि शर्मा के मुताबिक, नीली हल्दी जोड़ों के दर्द और गठिया में बहुत फायदेमंद है. यह सूजन कम करती है और दर्द से राहत देती है. रोज थोड़ी मात्रा में दूध या पानी के साथ इसे लेने से आर्थराइटिस के मरीजों को आराम मिलता है.
कैसे इस्तेमाल करें नीली हल्दी?
- रोज 1/2 से 1 चम्मच हल्दी पाउडर दूध या पानी में मिलाकर लें.
- चाय में डालकर पी सकते हैं.
- पेस्ट बनाकर जोड़ों पर लगाएं.
- सलाद या सब्जी में मिलाएं.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL























