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डायबिटीज मरीज भी नवरात्रि में रख सकते हैं व्रत, ऐसे मेंटेन कर पाएंगे इंसुलिन का लेवल
डायबिटीज लाइफस्टाइल और खानपान से जुड़ी बीमारी है लेकिन यह कभी भी नहीं भूलना चाहिए कि यह एक साइलेंट किलर है. इसलिए इसे बिल्कुल नजरअंदाज करना भी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
डायबिटीज वालों को अक्सर व्रत करने से मना किया जाता है. लेकिन अक्सर लोग कन्फ्यूज रहते हैं कि डायबिटीज वाले को नवरात्र करना चाहिए या नहीं? दरअसल, उपवास रखना सिर्फ आस्था से नहीं है बल्कि इसका कनेक्शन से सेहत से जुड़ा हुआ है.
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'यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया' के मुताबिक 'मेटाबॉलिक सिंड्रोम' वाले मरीजों को उपवास करने से काफी ज्यादा फायदा मिलता है, अब सवाल यह उठता है कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्या है? दरअसल, मेटाबॉलिक सिंड्रोम उसे कहते हैं जिसमें खराब खानपान और लाइफस्टाइल के कारण शरीर में ब्लड का शुगर लेवल, बीपी और कोलेस्ट्रॉल इंबैलेंस हो जाता है. यह डायबिटीज और दिल की बीमारी का भी कारण बनती है.
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फास्टिंग करने से दवा और अच्छे से काम करती है. 17 घंटे भूखे रहने के कार ग्लूकोज का लेवल एकदम सही रहता है. पेट जितना खाली रहेगा पैंक्रियाज उतना ही एक्टिव रहता है. साथ ही इससे ब्लड शुगर कम होने में मदद मिलती है. लिवर, मसल्स और ब्लड अच्छे से काम करता है.
Published at : 04 Oct 2024 06:49 PM (IST)
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