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शिलाजीत को पहाड़ों का पसीना क्यों कहते हैं? जानिए ये कैसे बनता है
शिलाजीत को लेकर इंटरनेट पर आपको तरह-तरह के दावे मिल जाएंगे. लेकिन क्या आप सही में जानते हैं कि आखिर शिलाजीत होती क्या है और कैसे निकलती है.

असली शिलाजीत
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आपको बता दें, कुछ लोग शिलाजीत का इस्तेमाल इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए करते हैं तो वहीं कुछ इसका इस्तेमाल यौन क्रिया को बढ़ाने के लिए करते हैं.
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जबकि, एक्सपर्ट का कहना है कि शिलाजीत इम्यून सिस्टम बढ़ाने और शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए रामबाण औषधि है. हालांकि, हर इंसान को इसके इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती.
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ओरिजिनल शिलाजीत की बात करें तो ये मध्य एशिया के पहाड़ों में पाया जाता है. जबकि, पाकिस्तान में यह गिलगिट-बालटिस्तान के पहाड़ों से निकाला जाता है. यहां ये सबसे ज्यादा पाया जाता है.
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एक्सपर्ट्स इसके बारे में कहते हैं कि शिलाजीत बहुत सालों तक पहाड़ों की गुफाओं में मौजूद धातुओं और पौधों के घटकों से मिलकर बनता है. इसके बाद एक निश्चित समय पर उसे इंसानों द्वारा निकाल लिया जाता है.
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असली शिलाजीत बहुत ज्यादा महंगी होती है. यही वजह है कि कुछ लोग नकली शिलाजीत बाजार में बेचते हैं. नकली शिलाजीत सेहत के लिए काफी खतरनाक होती है और अगर आपने ज्यादा नकली शिलाजीत का खा लिया तो फिर आप गंभीर रूप से बीमार भी हो सकते हैं.
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आपको बता दें, शिलाजीत में आयरन, जिंक, मैग्नीशियम समेत 85 से अधिक खनिज तत्व पाए जाते हैं. ये सभी तत्व इम्यून सिस्टम मजबूत करते हैं और इनसे व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को दुरस्त करने में भी बहुत मदद मिलती है.
Published at : 01 Apr 2024 07:57 PM (IST)
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