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सफेद चूने से क्यों रंगे जाते हैं पेड़? जान लीजिए आज
अक्सर आपने सड़कों के किनारे या बगीचों में पेड़ों के तनों को सफेद रंग से रंगा हुआ देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है? चलिए जान लेते हैं.
जंगलों में या फिर गार्डनों में पेड़ों को सफेद चूने से रंगा जाता है. यह सिर्फ एक सजावटी काम नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण छिपा हुआ है. आइए जानते हैं कि पेड़ों को सफेद रंग से रंगने के क्या फायदे हैं.
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पेड़ों को सफेद रंग से रंगने के कई कारण हैं. सफेद रंग कीटों को आकर्षित नहीं करता है. जब पेड़ों के तने को सफेद रंग से रंग दिया जाता है तो कीड़े पेड़ पर चढ़ने से बचते हैं. इससे पेड़ कीटों से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रहते हैं.
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कई प्रकार के रोग पेड़ों की छाल के जरिये फैलते हैं. सफेद रंग की परत एक बाधा का काम करती है और रोगों के फैलाव को रोकती है. साथ ही गर्मियों में सूर्य की तेज किरणें पेड़ों की छाल को जला सकती हैं. सफेद रंग सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है जिससे पेड़ की छाल सूर्य के ताप से सुरक्षित रहती है.
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सफेद रंग की परत फंगस के विकास को रोकती है. फंगस पेड़ों के लिए हानिकारक होता है और पेड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और सफेद रंग की परत पेड़ की छाल को यांत्रिक क्षति से बचाती है. जैसे कि जानवरों द्वारा खरोंचने से या अन्य कारणों से होने वाले नुकसान से.
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आमतौर पर फलों के पेड़ों को सफेद रंग से रंगा जाता है. जैसे कि आम, सेब, अमरूद आदि. इसके अलावा, सजावटी पेड़ों को भी सफेद रंग से रंगा जाता है.
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बता दें पेड़ों को रंगने के लिए विशेष प्रकार का चूना का उपयोग किया जाता है. इस चूने में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो पेड़ों के लिए हानिकारक नहीं होते हैं.
Published at : 10 Nov 2024 07:06 AM (IST)
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