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किसने बनाई थी दुनिया की सबसे पहली ट्रैफिक लाइट? सिर्फ इन रंगों में होती थी चेंज
ट्रैफिक लाइट हमारे जीवन का एक खास हिस्सा बन चुकी हैं. ये सड़कों पर सुरक्षित सफर करने में मदद करती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहली ट्रैफिक लाइट किसने बनाई थी और वो किस रंग की होती थी?
19वीं सदी के आखिरी में औद्योगिक क्रांति के साथ दुनिया भर में शहरों का तेजी से विकास हुआ. इसके साथ ही वाहनों की संख्या में भी वृद्धि हुई और सड़कों पर जाम लगने की समस्या आम हो गई. इस समस्या के समाधान के लिए एक ऐसे उपकरण की आवश्यकता महसूस हुई जो यातायात को नियंत्रित कर सके.
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कहते हैं आवश्यकता ही अविष्कार की जननी होती है, हुआ भी कुछ ऐसा ही. सबसे पहली ट्रैफिक लाइट का आविष्कार ब्रिटेन में हुआ था. 1868 में लंदन के रेलवे क्रॉसिंग पर एक गैस से चलने वाली ट्रैफिक लाइट लगाई गई थी. इस ट्रैफिक लाइट में केवल दो रंग थे - लाल और हरा.
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लाल रंग का मतलब रुकना और हरे रंग का मतलब चलना होता था. इस ट्रैफिक लाइट को एक पुलिसकर्मी द्वारा मैन्युअली ऑपरेट किया जाता था. वहीं अमेरिका में ट्रैफिक लाइट का विकास ब्रिटेन की तुलना में थोड़ा बाद में हुआ. 1912 में साल्ट लेक सिटी, यूटा में एक पुलिसकर्मी लेस्टर वायर द्वारा पहली इलेक्ट्रिक ट्रैफिक लाइट विकसित की गई थी. इस ट्रैफिक लाइट में भी केवल दो रंग थे - लाल और हरा.
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वहीं 1920 के दशक में ट्रैफिक लाइट में तीसरे रंग पीले को जोड़ा गया. पीले रंग का मतलब था कि लाल सिग्नल जल्द ही चालू होने वाला है और वाहन चालकों को रुकने के लिए तैयार रहना चाहिए.
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धीरे-धीरे, ट्रैफिक लाइट में कई बदलाव हुए और इसमें नए-नए फीचर जोड़े गए. आज के समय में ट्रैफिक लाइट में अलग-अलग प्रकार के संकेत होते हैं, जैसे कि पैदल यात्रियों के लिए हरा और लाल.
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गौरतलब है कि भारत में ट्रैफिक लाइट का इस्तेमाल 20वीं सदी के मध्य में शुरू हुआ. आजकल भारत के सभी प्रमुख शहरों में ट्रैफिक लाइट का उपयोग किया जाता है.
Published at : 18 Oct 2024 09:53 AM (IST)
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