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सच में होता है टाइम ट्रैवल, क्या भविष्य से आ सकता है पृथ्वी पर कोई इंसान? जानिए क्या कहता है साइंस
What Is Time Traveling Theory: क्या आपको भी टाइम ट्रैवेल वाली फिल्में और शो देखना पसंद है और आप यह सोचते हैं कि ये सब सिर्फ फिक्शन है? तो आप गलत हैं. चलिए जानें इस पर साइंस क्या कहता है.
टाइम ट्रैवेल के टॉपिक पर तमाम फिल्में और टीवी शो बनाए जा चुके हैं. लेकिन सवाल आज भी जस का तस है कि क्या टाइम ट्रैवेल संभव हैं? क्या सच में ऐसा हो सकता है कि कोई शख्स भविष्य में या फिर भूतकाल में जा सकता हो. जब भी हम कभी इस बात को लेकर दूसरों से बात करते हैं तो ज्यादातर लोग उसे साइंस फिक्शन समझकर खारिज कर देते हैं और इसे सिर्फ एक फैंटेसी बताते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि टाइम ट्रैवेल पूरी तरह से झूठ नहीं है और विज्ञान ने इसे पूरी तरह से खारिज नहीं किया है.
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टाइम ट्रैवेल या समय यात्रा से संबंधित शुरुआती बातें 1895 में प्रकाशित किए गए द टाइम मशीन नॉवेल में जानने के लिए मिलती हैं. साहित्य और सिनेमा के क्षेत्र में टाइम ट्रैवेल वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है.
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इसी सिद्धांत की व्याख्या महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने की थी. उन्होंने ही करीब 109 साल पहले दुनिया को अपनी सापेक्षता के सिद्धांत से परिचित कराया था.
Published at : 07 Jul 2025 07:04 PM (IST)
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