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ध्वजारोहण और झंडा फहराने में क्या होता है फर्क, 15 अगस्त से पहले जान लें यह बात
15 अगस्त हो या 26 जनवरी झंडा फहराने का तरीका अलग होता है. आपने अक्सर ध्वजारोहण और झंडा फहराने में बारे में सुना होगा, लेकिन लोग ध्वजारोहण और झंडा फहराने को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं.
हर साल 15 अगस्त को हम आजादी का जश्न मनाते हैं. इस बार 2025 में भारत अपना 79वां स्वतंत्रता मनाने जा रहा है. 15 अगस्त के दिन ही साल 1947 में भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी. इस दिन देशभर में त्यौहार जैसा माहौल होता है. स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और हर गली-मोहल्ले में तिरंगा लहराता है. लाल किले से देश के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं और पूरे देश को संबोधित करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 15 अगस्त हो या 26 जनवरी झंडा फहराने का तरीका अलग होता है. आपने अक्सर ध्वजारोहण और झंडा फहराने में बारे में सुना होगा, लेकिन लोग ध्वजारोहण और झंडा फहराने को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं. ऐसे में जानते हैं कि ध्वजारोहण और झंडा फहराने में फर्क क्या होता है?
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ध्वजारोहण 15 अगस्त को किया जाता है. इस दिन झंडा पोल के नीचे की तरफ बंधा होता है, जैसे ही प्रधानमंत्री रस्सी खींचते हैं, झंडा नीचे से ऊपर की ओर चढ़ता है, फिर ऊपर जाकर झंडा खुलता है और लहराने लगता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहते हैं.
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ध्वजारोहण दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री करते हैं, क्योंकि 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी और पहली बार तिरंगा झंडा ब्रिटिश झंडे की जगह ऊपर फहराया गया था.
Published at : 03 Aug 2025 02:07 PM (IST)
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