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जापान के इस आइलैंड पर रहती हैं सिर्फ बिल्लियां, एक दिन में जा सकते हैं सिर्फ इतने ही पर्यटक

धरती के अलग-अलग हिस्सों में जानवरों की संख्या और प्रकार अलग है. लेकिन आज हम आपको जापान के एक ऐसे आइलैंड के बारे में बताएंगे, जहां पर सिर्फ बिल्लियां ही बिल्लियां पाई जाती हैं.

धरती के अलग-अलग हिस्सों में जानवरों की संख्या और प्रकार अलग है. लेकिन आज हम आपको जापान के एक ऐसे आइलैंड के बारे में बताएंगे, जहां पर सिर्फ बिल्लियां ही बिल्लियां पाई जाती हैं.

दुनियाभर में कई ऐसे देश हैं, जो अपने पर्यटन, तकनीक और साफ सुथरे वातावरण के लिए जाने जाते हैं. लेकिन जापान में एक ऐसा द्वीप है, जिसे दुनियाभर में अपनी बिल्लियों के कारण जाना जाता है.

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बता दें कि जापान का आओशिमा द्वीप बिल्ली के द्वीप के नाम से भी जाना जाता है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां वास्तव में इंसान से ज्यादा बिल्लियां रहती हैं. एहिमे प्रांत के तट से दूर एक छोटा मछली पकड़ने वाला द्वीप 120 से ज़्यादा स्वतंत्र रूप से घूमने वाली बिल्लियों का घर है.
बता दें कि जापान का आओशिमा द्वीप बिल्ली के द्वीप के नाम से भी जाना जाता है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां वास्तव में इंसान से ज्यादा बिल्लियां रहती हैं. एहिमे प्रांत के तट से दूर एक छोटा मछली पकड़ने वाला द्वीप 120 से ज़्यादा स्वतंत्र रूप से घूमने वाली बिल्लियों का घर है.
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जानकारी के मुताबिक 2000 के दशक से पहले आओशिमा एक अलग-थलग जगह थी, उस वक्त वहां 20 से ज्यादा लोग रहते थे. लेकिन इंटरनेट पर आओशिमा के बारे में जानकारी मिलने के बाद दुनियाभर के बिल्ली प्रेमियों के लिए यहां आना पर्यटक के रूप में शुरू हो गया है.
जानकारी के मुताबिक 2000 के दशक से पहले आओशिमा एक अलग-थलग जगह थी, उस वक्त वहां 20 से ज्यादा लोग रहते थे. लेकिन इंटरनेट पर आओशिमा के बारे में जानकारी मिलने के बाद दुनियाभर के बिल्ली प्रेमियों के लिए यहां आना पर्यटक के रूप में शुरू हो गया है.
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बता दें कि कम जनसंख्या होने के बाद भी आओशिमा में बिल्लियों आजाद रहती हैं. कैट आइलैंड पर बहुत से पर्यटक आते हैं, लेकिन यह बहुत से लंबे समय से रहने वाले लोगों का घर नहीं है. 2019 में यह बताया गया था कि केवल छह लोग अभी भी स्थायी तौर पर द्वीप में रहते हैं. लेकिन 1940 के दशक के मध्य में लगभग 900 लोग इस आइलैंड को अपना घर कहते थे और मछली पकड़ने के लिए जाते थे.
बता दें कि कम जनसंख्या होने के बाद भी आओशिमा में बिल्लियों आजाद रहती हैं. कैट आइलैंड पर बहुत से पर्यटक आते हैं, लेकिन यह बहुत से लंबे समय से रहने वाले लोगों का घर नहीं है. 2019 में यह बताया गया था कि केवल छह लोग अभी भी स्थायी तौर पर द्वीप में रहते हैं. लेकिन 1940 के दशक के मध्य में लगभग 900 लोग इस आइलैंड को अपना घर कहते थे और मछली पकड़ने के लिए जाते थे.
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आओशिमा की बिल्लियों की आबादी बढ़ने से पहले द्वीप पर चूहों की बहुत बड़ी समस्या थी. क्योंकि गांव वाले अपने मछली पकड़ने के जाल के लिए रेशम बनाने के लिए रेशम के कीड़ों को पालते थे. रेशम के कीड़े चूहों को आकर्षित करते थे, इसलिए समस्या को हल करने के लिए बिल्लियों को लाया गया था. लेकिन फिर चूहा खत्म हो गए और बिल्लियों की संख्या बढ़ गई है.
आओशिमा की बिल्लियों की आबादी बढ़ने से पहले द्वीप पर चूहों की बहुत बड़ी समस्या थी. क्योंकि गांव वाले अपने मछली पकड़ने के जाल के लिए रेशम बनाने के लिए रेशम के कीड़ों को पालते थे. रेशम के कीड़े चूहों को आकर्षित करते थे, इसलिए समस्या को हल करने के लिए बिल्लियों को लाया गया था. लेकिन फिर चूहा खत्म हो गए और बिल्लियों की संख्या बढ़ गई है.
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लेकिन सरकार यहां पर एक साथ ज्यादा पर्यटकों को नहीं जाने देती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि एओशिमा में प्रतिदिन केवल 34 पर्यटकों को ही आने की इजाजत है. यहां आने वाले पर्यटक बिल्लियों के लिए खाना भी ला सकते हैं. जानकारी के मुताबिक इस आइलैंड पर अभी भी 20 से ज्यादा लोग नहीं रहते हैं. हालांकि यहां बिल्लियों की संख्या लगभग 200 बताई जाती है. ऐसे में यह बिल्लियों का ही द्वीप कहलाता है.
लेकिन सरकार यहां पर एक साथ ज्यादा पर्यटकों को नहीं जाने देती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि एओशिमा में प्रतिदिन केवल 34 पर्यटकों को ही आने की इजाजत है. यहां आने वाले पर्यटक बिल्लियों के लिए खाना भी ला सकते हैं. जानकारी के मुताबिक इस आइलैंड पर अभी भी 20 से ज्यादा लोग नहीं रहते हैं. हालांकि यहां बिल्लियों की संख्या लगभग 200 बताई जाती है. ऐसे में यह बिल्लियों का ही द्वीप कहलाता है.
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बता दें कि जापान के लोग भी डोनेशन से बिल्लियों के लिए भोजन की व्यवस्था में योगदान देते हैं. इसके अलावा बिल्लियों को समुद्र की मछलियों से भी भोजन मिलता है. इसके अलावा कुछ साल पहले से बिल्लियों की आबादी को काबू करने के लिए नसबंदी की जाती रही है. आसान भाषा में समझिए तो इस द्वीप पर बिल्लियों का राज है.
बता दें कि जापान के लोग भी डोनेशन से बिल्लियों के लिए भोजन की व्यवस्था में योगदान देते हैं. इसके अलावा बिल्लियों को समुद्र की मछलियों से भी भोजन मिलता है. इसके अलावा कुछ साल पहले से बिल्लियों की आबादी को काबू करने के लिए नसबंदी की जाती रही है. आसान भाषा में समझिए तो इस द्वीप पर बिल्लियों का राज है.

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