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Mig 21 Retired: मिग-21 में नहीं होता था एसी तो गर्मी से कैसे बचते थे पायलट, जान लें टेक्नोलॉजी
Mig 21 Retired: मिग-21 वायुसेना से पूरी तरह रिटायर हो चुका है, उसके साथ एक स्वर्णिम युग भी समाप्त हो गया है. चलिए जानें कि मिग-21 में बिना एसी के पायलट कैसे ठंडे रहते थे.
Mig 21 Retired: भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर अपने सबसे पुराने और चर्चित लड़ाकू विमान मिग-21 को वायुसेना से विदा कर दिया. इस फ्लाइंग मशीन ने करीब 62 सालों तक भारतीय आसमान की सुरक्षा की और कई अहम अभियानों का हिस्सा बना. 1965 और 1971 के युद्धों से लेकर 1999 के करगिल संघर्ष और 2019 के बालाकोट हमले तक इस विमान ने अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई. लेकिन आज इसे रिटायर कर दिया गया है. इस विमान में एयर कंडीशनिंग सिस्टम मौजूद नहीं था, तो पायलट्स खुद को कैसे ठंडा रखते थे?
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मिग-21 के साथ उड़ान भरना पायलटों के लिए कभी आसान नहीं था. दरअसल, इस विमान में एयर कंडीशनिंग सिस्टम नहीं लगा था. ऐसे में गर्मी से भरे कॉकपिट में घंटों तक उड़ान भरना पायलटों के लिए बड़ी चुनौती थी.
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मिग-21 में एयर कंडीशनर के बजाय एक Environmental Conditioning System लगाया गया था. यह सिस्टम मूल रूप से विमान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों यानी एवियोनिक्स को ठंडा रखने के लिए डिजाइन किया गया था.
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लेकिन इसमें से निकलने वाली ठंडी हवा का एक हिस्सा कॉकपिट में भी भेजा जाता था. यही ठंडी हवा पायलटों को गर्मी से राहत देती थी और कॉकपिट के तापमान को नियंत्रित रखती थी. ECS के जरिए बनाई गई ठंडी हवा लगातार कॉकपिट में जाती रहती थी.
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हालांकि यह एयर कंडीशनिंग जितनी आरामदायक नहीं होती थी, लेकिन लंबे समय तक उड़ान भरते समय पायलटों को कम से कम सहनीय माहौल जरूर प्रदान करती थी.
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तकनीकी मदद के अलावा पायलटों के पास अपनी सुरक्षा और आराम के लिए खास फ्लाइट सूट भी होता था.इस सूट के नीचे वे एक एक्सपोजर सूट पहनते थे.
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इस सूट को अनौपचारिक भाषा में पूपी सूट कहा जाता था. यह सूट गोताखोरों के ड्राई सूट की तरह काम करता था.
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गर्म मौसम में यह पायलट को अधिक तापमान से बचाता था और ठंडी परिस्थितियों में या पानी में उतरने की स्थिति में शरीर को सुरक्षित रखता था.
Published at : 26 Sep 2025 03:59 PM (IST)
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