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आर्य समाज में की गई शादी इस्लाम में कितनी मान्य, इस पर क्या करते हैं काजी?
आर्य समाज में होने वाली शादियां हिंदू शादियों की तरह होती है. यहां अग्नि में सात फेरे लए जाते हैं. चलिए जानते हैं कि क्या आर्य समाज में की गई शादी इस्लाम में मान्य होती है और इस पर काजी क्या करते हैं?
आर्य समाज विवाह
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आर्य समाज में शादी हिंदू मैरिज एक्ट 1955 और आर्य समाज वैलिडेशन एक्ट 1937 के तहत वैध होती है. बशर्ते दोनों पक्ष हिंदू, जैन, सिख या बौद्ध हों. लेकिन जब बात इस्लाम में इसकी मान्यता की आती है, तो स्थिति जटिल हो जाती है, क्योंकि इस्लामिक कानून (शरीयत) और हिंदू विवाह प्रथाओं के बीच काफी अंतर हैं.
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इस्लाम में निकाह कुरान के अनुसार संपन्न होता है. निकाह के लिए कुछ शर्तें अनिवार्य हैं जैसे दोनों पक्षों का मुस्लिम होना या गैर-मुस्लिम पक्ष का इस्लाम स्वीकार करना, आपसी सहमति, मेहर का निर्धारण और दो गवाहों की उपस्थिति में काजी द्वारा निकाह पढ़ाया जाना.
Published at : 12 Aug 2025 06:21 PM (IST)
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