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Sleeper Cells Vs Spies: खुफिया एजेंसियों के जासूसों से कितने अलग होते हैं स्लीपर सेल, क्या इन्हें भी मिलती है सैलरी?
Sleeper Cells Vs Spies: जासूस और स्लीपर सेल में एक बड़ा अंतर होता है. आइए जानते हैं क्या होते हैं दोनों के काम और क्या है दोनों के बीच अंतर.
Sleeper Cells Vs Spies: जब भी जासूसी और गुप्त अभियानों की बात आती है तो जासूस और स्लीपर सेल जैसे शब्द अक्सर भ्रम को पैदा करते हैं. हालांकि दोनों ही गुप्त रूप से काम करते हैं और खुफिया जानकारी को जुटाने में या फिर गुप्त अभियानों के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं. आइए जानते हैं कि क्या है इन दोनों में अंतर और साथ ही यह भी कि स्लीपर सेल को वेतन मिलता है या नहीं.
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खुफिया एजेंट जिन्हें जासूस कहा जाता है सक्रिय कार्यकर्ता होते हैं. यह जानकारी को इकट्ठा करते हैं, संगठनों में घुसपैठ करते हैं और अपनी मूल एजेंसी को पूरी जानकारी देते रहते हैं. वहीं स्लीपर सेल एक निष्क्रिय इकाई होती है. वे सालों तक सोए रहते हैं बिना किसी प्रत्यक्ष गतिविधि में शामिल हुए और पूरी तरह से सामान्य जीवन जीते हैं. वे सिर्फ निर्देश मिलने पर ही सक्रिय होते हैं.
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जासूसों को सीआईए, रॉ, आईएसआई या एमआई6 जैसी आधिकारिक खुफिया संस्थाओं द्वारा सीधे नियुक्त किया जाता है. जासूस अपने संचालकों के साथ नियमित संपर्क को बनाए रखते हैं. वहीं अगर स्लीपर सेल की बात करें तो वह अक्सर औपचारिक सरकारी एजेंसी के बजाय गुप्त नेटवर्क से जुड़े हुए होते हैं. उन्हें किसी भी ऑपरेशन से बहुत पहले ही स्थापित कर दिया जाता है और खुलासे से बचने के लिए संचार को पूरी तरह से काट दिया जाता है.
Published at : 13 Nov 2025 04:15 PM (IST)
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