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Vastu Shastra: सिरहाने घड़ी रखने से बढ़ती है राहु की ऊर्जा? जानें वास्तु मे शुभ और अशुभ!
Vastu Shastra: अपने-अपने बेडरूम में सोते वक्त कई लोग सिरहाने के पास घड़ी में अलारम लगा कर रखते हैं. मगर वास्तु शास्त्र में इसे वर्जित माना गाया है. इसे राहु-काल का कारक भी माना गया है.
वास्तु शास्त्र
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आज के समय में हर इंसान को सोते समय सिरहाने के पास घड़ी रखने की आदत है. मगर घड़ी की घड़ी की टिक-टिक आवाज से राहु की ऊर्जा भी सक्रिय होती है, जो भ्रम, चिंता और परेशानी का कारक माना जाता है. वहीं घड़ी का सीधा असर हमारे दिमाग पर भी होता है. जिससे रात में सोने में दिक्कतें आती हैं.
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घड़ी को सिरहाने रखने से हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है. जैसे सिर दर्द, माइग्रेन, हाई ब्लड प्रेशर और अनिद्रा की शिकायत भी हो सकती हैं. कई बार घड़ी से बच्चों का पढ़ाई में ध्यान भी भटकाता है और डरावने सपने भी आते हैं.
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वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सिरहाने घड़ी रखने से शुक्र और चंद्र की शांति भंग करता है. जिससे बेवजह झगड़े, गलतफहमी और दूरियां बढ़ती हैं. कई लोगों ने तो घड़ी हटाने के बाद रिश्ते में मधुरता महसूस की हैं. घड़ी को रखने का सही तरीका यह है कि इसे बेडरूम के उत्तर या पूर्व दीवार पर लगाएं और सिरहाने से कम से कम 6-8 फीट दूर रखें.
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राहु-केतु के प्रभाव को बढ़ाने वाली चीज़ों में रुकी हुई घड़ी, काले रंग की घड़ी, त्रिकोण या अनियमित आकार वाली घड़ी और बड़ी दीवार घड़ी शामिल मानी जाती हैं. वास्तु के अनुसार ऐसी घड़ियां घर में नकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय कर सकती हैं. डिजिटल घड़ी को भी सिरहाने रखना ठीक नहीं माना जाता है.
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जिन लोगों को भी इससे मुक्ति चाहिए वे आज ही सिरहाने रखी घड़ी हटाएं और 11 बार ‘ॐ राहवे नमः’ मंत्र का जप करें. शनिवार के दिन पुरानी घड़ी को काले कपड़े में बांधकर घर से बाहर निकाल देना शुभ माना गया है. मान्यता है कि इससे लगभग 21 दिनों में घर से नकारात्मकता कम होने लगती है.
Published at : 21 Nov 2025 10:00 AM (IST)
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