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Devshayani Ekadashi 2023 Parana: देवशयनी एकादशी व्रत खोलते समय बरतें ये सावधानी, जानें पारण की विधि
Devshayani Ekadashi 2023: 29 जून 2023 को श्रीहरि का शयनकाल शुरू हो जाएगा, इसलिए इसे हरिशयनी एकादशी और देवशयनी कहते है. देवशयनी एकादशी व्रत जितना महत्वपूर्ण है उतना ही खास है इस व्रत का पारण, जानें
![Devshayani Ekadashi 2023: 29 जून 2023 को श्रीहरि का शयनकाल शुरू हो जाएगा, इसलिए इसे हरिशयनी एकादशी और देवशयनी कहते है. देवशयनी एकादशी व्रत जितना महत्वपूर्ण है उतना ही खास है इस व्रत का पारण, जानें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/28/ba0a727b15a7a42193602f97a0ecb2461687967383743499_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
देवशयनी एकादशी 2023
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![देवशयनी एकादशी व्रत का पारण 30 जून 2023 को दोपहर 01 बजकर 48 मिनट पर शाम 06 बजकर 36 मिनट पर करने का शुभ मुहूर्त है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/28/1dfa3e06780b25521cbbffeb4d007ec4ad791.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
देवशयनी एकादशी व्रत का पारण 30 जून 2023 को दोपहर 01 बजकर 48 मिनट पर शाम 06 बजकर 36 मिनट पर करने का शुभ मुहूर्त है.
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![एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद ही किया जाता है. इसमें द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले व्रत खोल लेना चाहिए. द्वादशी तिथि के अंदर पारण न करना भी पाप करने के समान होता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/28/0b494b5d6304697063587bbada68afad1c563.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद ही किया जाता है. इसमें द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले व्रत खोल लेना चाहिए. द्वादशी तिथि के अंदर पारण न करना भी पाप करने के समान होता है.
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![भगवान विष्णु को तुलसी दल प्रिय है. ऐसा कहा जाता है बिना तुलसी के भगवान विष्णु कोई भोग स्वीकार नहीं करते, इसलिए पारण के समय तुलसीदल को आप मुंह में रखकर पारण करें.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/28/7d5b29f73719821757308f3f7fc171e45dc8e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भगवान विष्णु को तुलसी दल प्रिय है. ऐसा कहा जाता है बिना तुलसी के भगवान विष्णु कोई भोग स्वीकार नहीं करते, इसलिए पारण के समय तुलसीदल को आप मुंह में रखकर पारण करें.
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![देवशयनी एकादशी पारण के समय आंवला खाकर और पूजा में चढ़ाए प्रसाद को ग्रहण कर व्रत संपन्न करें. उनके प्रसाद स्वरूप पारण करना चाहिए. इस दिन चावल जरुर खाएं, इससे व्यक्ति का जन्म कीड़े-मकोड़े की योनी में नहीं होता.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/28/caf206ce310c6b34b370fa869540d82514711.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
देवशयनी एकादशी पारण के समय आंवला खाकर और पूजा में चढ़ाए प्रसाद को ग्रहण कर व्रत संपन्न करें. उनके प्रसाद स्वरूप पारण करना चाहिए. इस दिन चावल जरुर खाएं, इससे व्यक्ति का जन्म कीड़े-मकोड़े की योनी में नहीं होता.
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![देवशयनी एकादशी व्रत पारण में सात्विक भोजन ही करें. ध्यान रहे भोजन गाय के घी से बना हो.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/28/ff45e4d6627f0ac22101b2e8ec4b7cbce1f02.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
देवशयनी एकादशी व्रत पारण में सात्विक भोजन ही करें. ध्यान रहे भोजन गाय के घी से बना हो.
Published at : 29 Jun 2023 05:00 PM (IST)
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डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
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