नई पहल: अब एसी का तापमान 24 डिग्री से कम नहीं रख सकते, सरकार बनाएगी नियम
बिजली मंत्रालय ने फैसला किया है कि वो एसी बनाने वाली सभी कम्पनियों और उन्हें इस्तेमाल करने वाले बड़ी इमारतों को एक एडवाइज़री जारी करेगी . इस एडवाइज़री में एसी का डिफॉल्ट तापमान 24 डिग्री रखने की सलाह दी जाएगी .

नई दिल्लीः अगर आप किसी होटल या शॉपिंग मॉल जाते हैं तो आपने कई बार वहां एसी के कम तापमान के चलते ठंड और दिक्कत महसूस की होगी. अगर सरकार की चली तो अब ऐसा नहीं होगा. मोदी सरकार का मानना है कि एसी का इतना कम तापमान न तो स्वास्थ्य के लिए ठीक है और न ही बिजली के ख़र्चे के नज़रिए से. इसके लिए मोदी सरकार ने अब एक नायाब तरीका अपनाने का फ़ैसला किया है . बिजली मंत्रालय ने फैसला किया है कि वो एसी बनाने वाली सभी कम्पनियों और उन्हें इस्तेमाल करने वाले बड़ी इमारतों को एक एडवाइज़री जारी करेगी . इस एडवाइज़री में एसी का डिफॉल्ट तापमान 24 डिग्री रखने की सलाह दी जाएगी .
फिलहाल जागरूकता अभियान चलेगा फिलहाल ये एडवाइज़री केवल सलाह के तौर पर जारी की जाएगी . बिजली मंत्रालय का कहना है कि इसे जागरूकता अभियान के तौर पर चलाया जाएगा जिसे 4 - 6 महीने तक जारी रखा जाएगा . इसके बाद सरकार का इरादा लोगों से राय लेने के बाद इसे नियम बनाकर अनिवार्य बनाने का है . अनिवार्य बनाए जाने के बाद कोई भी एसी निर्माता एसी का डिफॉल्ट तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं रख पायेगा. सरकार जागरूकता अभियान के दौरान लोगों से भी अपील करेगी कि अपने अपने घरों में लगे एसी का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं रखें .
कहां कहां लागू होगा नियम ? एसी का तापमान 24 डिग्री अनिवार्य रखने का नियम बनने के बाद इसे बड़े इमारतों जैसे एयरपोर्ट , होटल , शॉपिंग मॉल और केंद्र और राज्य सरकारों के साथ साथ सरकारी क्षेत्र के सभी उपक्रमों जैसे बैंकों में लागू कर दिया जाएगा . हालांकि नियम बनने के बाद भी हमारे आपके घरों में पहले से लगे एसी काम करते रहेंगे हालांकि सरकार लोगों से तापमान 24 डिग्री रखने की अपील करेगी .
क्यों पड़ी है इस पहल की ज़रूरत ? बिजली मंत्रालय ने ये नायाब तरीका निकाला है ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी ( बीईईई) की सिफारिशों के आधार पर . अपनी सिफारिश में बीईईई ने कहा था कि फिलहाल जो एसी का डिफॉल्ट तापमान है वो बिजली की खपत और स्वास्थ्य दोनों के लिए ठीक नहीं है . मनुष्य के शरीर का औसत आंतरिक तापमान 35 से 37 डिग्री सेल्सियस रहता है . वहीं एसी का तापमान काफी कम रखने पर बिजली की खपत भी ज़्यादा होती है . एक अनुमान के मुताबिक अगर एसी का तापमान 1 डिग्री बढ़ाया जाता है तो इससे बिजली की खपत करीब 6 फ़ीसदी घट जाती है . एक अनुमान के मुताबिक ऐसा करने से देश में हर साल 20 अरब यूनिट की बिजली बचाई जा सकेगी.
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