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Parachute: आखिर गिरकर मौत होने से कैसे बचा लेता है पैराशूट! जानिए यह कैसे काम करता है

शुरुआत में पैराशूट बनाने के लिए Canvas कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था. पैराशूट खुलने पर आसमान में हवा के दबाव से एक पंख जैसी सरंचना बना लेता है, जिसके नीचे कैनोपी में पायलट आसानी से उड़ सकता है.

Parachute: आपने Skydiving करते किसी शख्स को देखा होगा. अगर नहीं, तो कभी टीवी या फिल्म देखते समय किसी व्यक्ति को पैराशूट के जरिए उड़ते हुए जरुर देखा ही होगा. पैराशूट एक ऐसा उपकरण है जो आपातकाल की स्थिति में वायुयान से सफलतापूर्वक जमीन पर उतरने में मददगार होता है. इसके आने के बाद तो मानो लोगों में आसमान में जाने और गिरने का डर खत्म हो गया हो. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पैराशूट क्या है और यह उड़ता कैसे है? यह देखने में भले ही साधारण सा लगता है, लेकिन इसे बनाने के पीछे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत छुपी हुई है. 

पैराशूट क्या होता है? 

पैराशूट एक ऐसा उपकरण है जो किसी वस्तु की गति को वातावरण के माध्यम से, घर्षण पैदा करके कम कर देता है. इसे बनाने के लिए मजबूत और हल्के कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है. पैराशूट आमतौर पर सिल्क या नायलॉन के बने होते हैं. ऊंचाई से कूदते समय पैराशूट के सहारे सही सलामत धरती पर उतरा जाता है, इससे कई तरह के भार को attach किया जा सकता है, जैसे कि कोई व्यक्ति, खाने की चीजें, किसी तरह का कोई उपकरण या हथियार या space capsules. 

पैराशूट में लगता है ये कपड़ा 

शुरुआत में पैराशूट बनाने के लिए Canvas कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था. बाद में इसमें सिल्क का इस्तेमाल होने लगा. क्योंकि सिल्क भार में हल्का, पतला और मजबूत होता है. इसके अलावा, सिल्क को पैक करना आसान होता है. साथ ही यह लचीला और आग प्रतिरोधी भी होता है. दूसरे विश्वयुद्ध के समय संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान से सिल्क आयात नहीं कर पा रहा था. तब पैराशूट उत्पादकों ने पैराशूट बनाने के लिए नायलॉन कपड़े का इस्तेमाल शुरू कर दिया. नायलॉन, सिल्क से भी बेहतर निकला. यह सिल्क से अधिक लचीला, अधिक फफूंद रोधी और कम महंगा था. 


पैराशूट कई प्रकार के होते हैं

  • Round Parachute
  • Cruciform Parachute
  • Rogallo Wings
  • Ram-Air Parachutes
  • Round Parachute


पैराशूट ऐसे करता है काम 

अगर आप एक पत्थर और एक पंख को ऊंचाई से छोड़ते हैं तो ये दोनों ही गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धरती की तरफ आएंगे. लेकिन पंख की तुलना में, पत्थर ज्यादा तेजी के साथ और कम समय में धरती पर गिर जायेगा. इसका कारण पत्थर का वजन ज्यादा होना नहीं है. पंख की पंखुड़ियां बाहर की तरफ निकली हुई होती हैं. ये हवा में प्रतिरोध पैदा करती हैं, जो पंख की गति को धीमा कर देता है. ठीक इसी प्रकार, जब आप विमान या किसी ऊँची जगह से कूदते हैं तो आपका शरीर पत्थर की तरह हवा से तेजी के साथ गुजरता है. जब आप अपना पैराशूट खोलते हैं तो यह वायु प्रतिरोध पैदा करता है और पंख की ही तरह, वायु में धीमी गति के साथ बहता हुआ आपको धीरे-धीरे और सुरक्षित तरीके से जमीन पर उतार देता है. 

नियंत्रण के लिए होती है स्टीयरिंग लाइन 

पैराशूट खुलने पर आसमान में हवा के दबाव से एक पंख जैसी सरंचना बना लेता है, जिसके नीचे कैनोपी पायलट आसानी से उड़ सकता है. पैराशूट को नियंत्रित करने के लिए स्टीयरिंग लाइन को नीचे की ओर खींच कर wing का आकार बदला जा सकता है और इसे मोड़ा व उतराई की दर को कम या ज्यादा किया जा सकता है. 

यह भी पढ़ें - कैसे बनते हैं बहती नदी में पुल? जानिए ये कितनी तरह के होते हैं

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