हवा में परमाणु बम से परमाणु बम वाली मिसाइल टकरा जाए तो क्या होगा?
Reaction If Two Nuclear Missile Collided: परमाणु हमला या रिएक्शन ने हमेशा तबाही मचाई है. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर दो परमाणु मिसाइलें हवा में टकरा जाएं तो क्या होगा.

दुनिया ने एटम बम से होने वाली तबाही हिरोशिमा और नागासाकी में देखी है. इसके बाद हम चेरनोबिल जैसे हादसों की भी गवाह बनी है. गुजरे वक्त के साथ हादसे की यादें भले ही इतिहास के पन्नों में सिमटती जा रही हैं, लेकिन जख्म आज भी रिस रहे हैं. आज भी वहां पर लोग पूरी तरह से सेहतमंद नहीं हैं. वहीं हिरोशिमा और नागासाकी में फटे बम का असर आज की नस्लें भी झेल रही हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच कई बार परमाणु हथियारों का जिक्र सुनने को मिला है. ऐसे में एक सवाल हमारे मन में आ सकता है कि अगर हवा में दो परमाणु मिसाइलें टकरा जाएं तो क्या होगा…चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.
कितनी तरीके से गिराया जाता है परमाणु बम
आजकल कई आधुनिक मिसाइलों का अविष्कार हो चुका है जो कि लंबी दूरी तक परमाणु बम को ले जाने में सक्षम हैं. वहीं दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं, जिनके पास पनडुब्बी से परमाणु मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है. इसमें पनडुब्बियों से समुद्र के अंदर मिसाइल लॉन्च कर दी जाती है. हालांकि यह छिपकर हमला करने के लिए सुरक्षित तरीका माना जाता है. लेकिन सबसे सटीक होता है हवा से हवा में मार करना. इस दौरान हवाई हमले या फिर बमवर्षक विमानों के जरिए परमाणु बम गिराया जाता है.
अगर दो परमाणु मिसाइलें टकराईं तो क्या होगा
अगर परमाणु बम ले जाने वाली दो मिसाइलें आपस में हवा में टकरा जाती हैं तो परमाणु प्रभाव के कारण ये समय से पहले भी विस्फोट हो सकती हैं. इससे एक छोटा विस्फोट भी हो सकता है, वहीं कुछ मामलों में मिसाइलों में पूरी तरह से भी भयानक विस्फोट हो सकता है, जिससे परमाणु विस्फोट होने की पूरी संभावना रहती है. इस वजह से रेडिएशन तेजी से दूर-दूर तक फैल सकता है और इससे भयंकर तबाही मच सकती है. अगर यह विस्फोट किसी रिहाइशी इलाके ऊपर हवा में हुआ है तो इससे पूरा का पूरा शहर तबाह हो सकता है और ये अपनी जद में आसपास के शहरों को भी ले जाएगा.
रेडिएशन से खतरा
अगर कभी ऐसा हुआ तो इसके रेडिएशन का असर पूरे शरीर पर होगा. पूरी की पूरी बिल्डिंग खत्म हो सकती है और उस शहर से इंसानों का भी खात्मा हो जाएगा. उतने क्षेत्र में हर तरफ सिर्फ त्रासदी ही त्रासदी होगी. रेडिएशन से लंबे समय तक खतरा बना रहेगा और आने वाली नस्लों पर उसका प्रभाव पड़ता है. हालांकि यह इस पर भी निर्भर करता है कि वो परमाणु बम कितना बड़ा है और उसकी कितनी ताकत है.
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Source: IOCL






















