दुबई से पहले कब-कब हादसे का शिकार हो चुका तेजस? जान लें हर हादसे की डिटेल
टक्कर इतनी जोरदार थी कि अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ऊपर काले धुएं का बड़ा गुबार उठ गया. लोग घबरा गए, कार्यक्रम में अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षा दल तुरंत मौके पर पहुंच गया.

दुबई एयर शो में इस बार ऐसा सीन देखने को मिला, जिसने वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति ने कल्पना तक नहीं की थी. भारत का स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान एलसीए तेजस अपनी रोमांचक डेमो फ्लाइट दिखा ही रहा था कि अचानक वह नियंत्रण खो बैठा. हजारों दर्शक आसमान की ओर देख रहे थे, तभी तेजस ने एक तेज मोड़ लिया और कुछ ही पल में उसका संतुलन बिगड़ने लगा. देखते ही देखते विमान नीचे की ओर गिरने लगा और सीधे जमीन जमीन से जा टकराया.
टक्कर इतनी जोरदार थी कि अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ऊपर काले धुएं का बड़ा गुबार उठ गया. लोग घबरा गए. कार्यक्रम में अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षा दल तुरंत मौके पर पहुंच गया. हादसे के तुरंत बाद एयर शो के सुरक्षा कर्मी और आपातकालीन टीमें मौके पर पहुंच गईं. एयरपोर्ट अधिकारियों ने घटना की वजह पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी. दुबई में इतने दर्शकों की मौजूदगी में हुआ ये हादसा कई सवाल खड़े कर रहा है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि दुबई से पहले कब-कब तेजस हादसे का शिकार हो चुका है.?
तेजस की खासियत
तेजस भारत में बना एक हल्का, एक-सीटर फाइटर जेट है. इसका एक ट्विन-सीटर ट्रेनर संस्करण भी है, जिसे भारतीय वायुसेना और नौसेना दोनों संचालित करती हैं. इसका तकनीकी डेमो (TD-1) पहली बार 2001 में उड़ाया गया था. बाद में 2016 में इसका सीरीज प्रोडक्शन वर्जन (SP-2) सफलतापूर्वक उड़ाया गया. तेजस को 4.5-जनरेशन के लड़ाकू विमान के रूप में बनाया गया है, जो हवाई मिशनों से लेकर जमीनी अभियानों तक में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकता है. अपने वर्ग में यह सबसे हल्का और छोटा विमान माना जाता है, और इसकी संरचना में कंपोजिट मटेरियल का भारी यूज इसे फुर्तीला बनाता है. भारतीय वायुसेना के पहले तेजस स्क्वाड्रन को फ्लाइंग डैगर्स (No. 45) नाम दिया गया.
दुबई से पहले कब-कब तेजस हादसे का शिकार?
दुबई एयर शो में हुए हालिया हादसे से पहले, तेजस विमान का दुर्घटना इतिहास बहुत ही कम और सुरक्षित रहा है. तेजस ने पहली बार 2001 में उड़ान भरी थी और इसके बाद 23 साल तक इस विमान के किसी भी दुर्घटना का कोई मामला सामने नहीं आया .यानी 2001 से लेकर मार्च 2024 तक तेजस की उड़ानें लगभग पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती थीं. इससे पहले दुर्घटना का एकमात्र मामला 12 मार्च 2024 का है, जब तेजस विमान राजस्थान के जैसलमेर में ऑपरेशनल ट्रेनिंग उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. उस हादसे में पायलट बच गया था, लेकिन दुबई में पायलट का निधन हो गया.
यह भी पढ़ें: भारत से कौन-कौन से देश खरीदते हैं तेजस फाइटर जेट? देख लें पूरी लिस्ट
Source: IOCL






















