जहां वेदों से होती है शिक्षा की शुरुआत, जानिए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एडमिशन का प्रोसेस
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में पारंपरिक संस्कृत शिक्षा से लेकर आधुनिक विषयों तक कई कोर्स कराए जाते हैं. यहां प्रवेश की प्रक्रिया मेरिट और प्रवेश परीक्षा दोनों के आधार पर होती है.

जहां एक ओर आधुनिक शिक्षा की दौड़ में हर कोई डिजिटल दुनिया से जुड़ रहा है, वहीं वाराणसी में स्थित सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय आज भी वैदिक परंपरा, शास्त्रीय ज्ञान और सनातन संस्कृति की लौ जलाए हुए है. यह केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहां ज्ञान को पूजा की तरह पढ़ाया और सीखा जाता है.
संस्कृत भाषा और भारतीय दर्शन में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए यह विश्वविद्यालय किसी स्वर्ग से कम नहीं. यहां हर दिन ज्ञान की गंगा बहती है और हर शिष्य अपने गुरुओं से न केवल शास्त्र पढ़ता है, बल्कि संस्कृति जीना भी सीखता है. अगर आप भी इस वैदिक परंपरा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो जानिए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में कैसे होता है एडमिशन और कौन-कौन से कोर्स यहां मौजूद हैं.
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यहां कैसे होता है एडमिशन?
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट www.ssvv.ac.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. हर वर्ष विश्वविद्यालय विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया घोषित करता है. कुछ कोर्सों में प्रवेश मेरिट बेसिस पर होता है, जबकि कुछ में लिखित परीक्षा या इंटरव्यू के जरिए चयन किया जाता है.
कौन-कौन से कोर्स होते हैं?
- पूर्व माध्यम (कक्षा 9 के समकक्ष)
- उत्तर माध्यम (कक्षा 11 के समकक्ष)
- शास्त्री (BA संस्कृत के समकक्ष)
- आचार्य (MA संस्कृत के समकक्ष)
- विद्या वारिधि (PhD)
- डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स – ज्योतिष, कर्मकांड, संस्कृत व्याकरण, योग, आयुर्वेद आदि में.
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योग्यता क्या होनी चाहिए?
- पूर्व माध्यम में प्रवेश के लिए कम से कम कक्षा 8 पास होना आवश्यक है.
- शास्त्री में प्रवेश हेतु उत्तर माध्यम या इंटरमीडिएट पास होना चाहिए.
- आचार्य के लिए शास्त्री डिग्री आवश्यक है.
- PhD के लिए आचार्य डिग्री के साथ UGC-NET या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा पास करनी होती है.
क्यों खास है ये विश्वविद्यालय?
यह विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा देता है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और ज्ञान के प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यहां का शांत वातावरण, विद्वान आचार्य, और शास्त्रों की गूंज विद्यार्थियों को एक दिव्य अनुभव प्रदान करती है.
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