घर में हैं बुजुर्ग तो इन हेल्थ पॉलिसी के बारे में जरूर जान लें आप, बड़े काम की है चीज
Health Policies For Senior Citizens: अगर घर में बुजुर्ग हैं तो उनके लिए हेल्थ पॉलिसी बेहद जरूरी हो जाती है. इससे इलाज में तो मदद मिलती है. बल्कि परिवार को आर्थिक बोझ भी कम होता है. जानें कौनसी बेस्ट.

स्वास्थ्य सभी लोगों के जीवन का एक बेहद जरूरी पहलू होता है. वहीं अगर घर में कोई बुजुर्ग हो तो सबसे बड़ी चिंता उनकी सेहत को लेकर होती है. बढ़ती उम्र के साथ छोटी तकलीफें बड़ी बीमारियों का रूप ले सकती हैं और कभी-कभी अचानक इतना खर्च आ जाता है कि परिवार का पूरा बजट बिगड़ जाता है. ऐसे में मन में सवाल उठता है कि क्या कोई भरोसेमंद तरीका है. जिससे इन हालातों को संभाला जा सके.
परिवार हर समय यह सोचता है कि इलाज का बोझ कैसे हल्का किया जाए और मुश्किल वक्त में सहारा कहां से मिले. इसलिए समझदारी यही है कि समय रहते तैयारी कर ली जाए और यही वजह है कि आजकल लोग हेल्थ पॉलिसीज लेकर चलते हैं. चलिए आपको बताते हैं बुजुर्गों के लिए कौन सी हेल्थ पॉलिसीज है बढ़िया.
वय वंदन योजना में मिलेगा लाभ
अगर आपके घर में कोई बुजुर्ग हैय तो आयुष्मान वय वंदन योजना उनके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है. इस योजना के तहत 70 साल या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कवर मिलता है. यानी गंभीर बीमारी की स्थिति में भी परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता. इलाज चाहे प्राइवेट अस्पताल में हो या सरकारी में दोनों जगह इसका फायदा उठाया जा सकता है.
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इसमें भर्ती से लेकर दवाइयों और ऑपरेशन तक का खर्च शामिल होता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस योजना के लिए किसी प्रीमियम की जरूरत नहीं होत. सिर्फ उम्र और आधार कार्ड की शर्तें पूरी करनी होती हैं. ऐसे में यह बुजुर्गों के लिए बेहद राहत देने वाली सुविधा है.
राज्यों में भी चलाई जाती है ऐसी योजनाएं
देश में केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारें भी बुजुर्गों के लिए खास हेल्थ स्कीम चलाती हैं. जैसे केरल की वयमित्रम योजना, जिसमें मोबाइल क्लिनिक, मुफ्त दवाइयां और पल्लिएटिव केयर की सुविधा मिलती है. राजस्थान, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी अलग-अलग नाम से हेल्थ इंश्योरेंस या मुफ्त इलाज प्रोग्राम चलते हैं. जिनका मकसद बुजुर्गों पर मेडिकल खर्च का बोझ घटाना है.
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इन योजनाओं में दवाइयों से लेकर हॉस्पिटल में भर्ती तक की सुविधाएं शामिल होती हैं. कई जगह जांच और एम्बुलेंस सेवा भी मुफ्त दी जाती है. परिवार के बुजुर्ग इन योजनाओं के जरिए बिना ज्यादा खर्च के इलाज करा पाते हैं. इस तरह राज्यों की यह पहल उन्हें बेहतर और निश्चिंत जिंदगी जीने का सहारा देती है.
ले सकते हैं प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस
अगर आप किसी सरकारी योजना के लिए पात्र नहीं हैं. और ऐसी स्थिति में हैं कि प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस ले सकते हैं. तो इसमें देर नहीं करनी चाहिए. मार्केट में खासतौर पर बुजुर्गों के लिए स्पेशल हेल्थ पॉलिसियां मौजूद हैं. इनमें अलग-अलग कंपनियां अलग तरह की सुविधाएं देती हैं जैसे कैशलेस इलाज, प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवरेज या डे-केयर ट्रीटमेंट. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से विकल्पों को अच्छे से कंपेयर करें. सही पॉलिसी चुनने पर बुजुर्गों को समय पर इलाज मिलता है और परिवार को आर्थिक दबाव से राहत मिलती है.
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