मेरठ में यूपी एसटीएफ और बदमाश के बीच मुठभेड़, एक लाख का इनामी हुआ ढेर
जेल में रहने के दौरान जितेंद्र का संपर्क कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई गैंग से हो गया था. पैरोल जंप करने के बाद उसने गैंग के लिए काम करना शुरू कर दिया और लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा था.

UP News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) और कुख्यात बदमाशों के बीच मंगलवार को थाना मुंडाली क्षेत्र में मुठभेड़ हो गई. इस दौरान पुलिस की गोली से एक लाख रुपये का इनामी बदमाश जीतू उर्फ जितेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
पुलिस के मुताबिक, जीतू उर्फ जितेंद्र हरियाणा के झज्जर जिले के आसौंदा सिवान का रहने वाला था. वह गाजियाबाद के थाना तिलामोड़ में 2023 में हुई एक हत्या के मामले में वांछित था, जिसके चलते पुलिस ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.
2023 में मिली थी पैरोल
इतना ही नहीं, जितेंद्र का अपराधिक इतिहास बेहद खतरनाक रहा है. उसने 2016 में झज्जर में एक डबल मर्डर किया था, जिसके लिए उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी. लेकिन 2023 में पैरोल मिलने के बाद वह जेल से बाहर आया और फरार हो गया. फरारी के दौरान उसने सुपारी लेकर गाजियाबाद में कई गोलियां मारकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी और तब से पुलिस को चकमा दे रहा था.
जेल में रहने के दौरान जितेंद्र का संपर्क कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई गैंग से हो गया था. पैरोल जंप करने के बाद उसने गैंग के लिए काम करना शुरू कर दिया और लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा था. पुलिस के मुताबिक, वह गैंग के लिए फिरौती, हत्या और अन्य आपराधिक कामों में शामिल था.
कैसे हुई मुठभेड़?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यूपी एसटीएफ को जितेंद्र की लोकेशन मेरठ के मुंडाली थाना क्षेत्र में मिली. जब टीम उसे पकड़ने पहुंची तो उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
जितेंद्र का आपराधिक इतिहास
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जितेंद्र के खिलाफ हरियाणा, दिल्ली और यूपी में कई संगीन मामले दर्ज थे. वह हत्या, लूट, डकैती, आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर अपराधों में शामिल था. उसपर डबल मर्डर केस (2016) में आजीवन कारावास की सजा हुई थी, जो मामला झज्जर का था. वहीं गाजियाबाद हत्या केस में पैरोल पर आने के बाद तिलामोड़ थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की और तब से फरार था.
जबकि लूट और डकैती के कई केस दिल्ली और हरियाणा के अलग-अलग थानों में दर्ज थे. यूपी एसटीएफ के लिए यह बड़ी सफलता मानी जा रही है क्योंकि जितेंद्र लंबे समय से फरार था और अंडरवर्ल्ड गैंग के लिए काम कर रहा था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गैंग के बाकी सदस्यों की भी तलाश जारी है और जल्द ही उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. मेरठ में हुई इस मुठभेड़ के बाद पुलिस अब जितेंद्र के संपर्कों और गैंग से जुड़े अन्य अपराधियों पर नजर बनाए हुए है.
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Source: IOCL
























