Chhindwara News: चंदे के मंदिर को सरकारी भवन बताकर 16 लाख का घोटाला, अब वसूली के निर्देश
Madhya Pradesh News: छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव जनपद पंचायत में विधायक निधि के दुरुपयोग और बड़े घोटाले का मामला सामने आया है. मामले में छिंदवाड़ा कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने सख्त रुख अपनाया है.

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव जनपद पंचायत में विधायक निधि के दुरुपयोग और बड़े घोटाले का मामला सामने आया है. यहां 24 लाख रुपये की लागत से स्वीकृत सामुदायिक भवन (मंगल भवन) के निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई. अधिकारियों ने मिलकर शिव भक्तों के चंदे से बन रहे एक मंदिर के ढांचे को ही सरकारी कागजों में सामुदायिक भवन दिखा दिया.
आरोप है कि बिना कोई ले-आउट या मजदूरी दिए, सिर्फ कागजों पर निर्माण सामग्री दिखाकर लगभग 16 लाख रुपये निकाल लिए गए, जबकि मौके पर सिर्फ 15 खंभों का एक ढांचा मौजूद है. शुरुआती जांच रिपोर्ट में भी इस धांधली को छिपाने की कोशिश की गई, जब जिला योजना अधिकारी ने इसी धार्मिक स्ट्रक्चर को 'मंगल भवन प्रगति पर' बता दिया था. मामले का खुलासा होने के बाद छिंदवाड़ा कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने सख्त रुख अपनाया है.
सरपंच और इंजीनियर समेत 6 जिम्मेदारों पर कार्रवाई के निर्देश
उन्होंने दोनों जांच रिपोर्टों में स्पष्ट गड़बड़ी की पुष्टि की और तत्काल जनपद CEO, सरपंच और इंजीनियर समेत 6 जिम्मेदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए. कलेक्टर ने इन सभी से अवैध रूप से खर्च की गई राशि वसूलने (Recovery) और उनके खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के नोटिस जारी कराए हैं. यह कार्रवाई सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में हुई अक्षम्य लापरवाही और भ्रष्टाचार पर प्रशासन की सख्ती को दर्शाती है.
मीडिया में चल रही एक भ्रामक जानकारी पर भी स्पष्टीकरण
इस बीच, जिला प्रशासन ने मीडिया में चल रही एक भ्रामक जानकारी पर भी स्पष्टीकरण दिया. जिला पंचायत सीईओ ने खंडन किया कि 'एक बोरी सीमेंट की कीमत 1.92 लाख रुपये' नहीं है. उन्होंने बताया कि यह राशि 600 बोरी सीमेंट की कुल कीमत है, जिसमें जीएसटी भी शामिल है.
हालांकि, सीईओ ने यह स्वीकार किया कि भवन निर्माण में लापरवाही हुई है और यह स्वीकृत डिजाइन से अलग है, जिसके लिए दोषी अधिकारियों पर पहले ही वसूली और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
Source: IOCL






















