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क्या विमान का कॉकपिट हैक किया जा सकता है? क्या रिमोटली प्लेन क्रैश कराना संभव है?
Flight Safety: हाल ही में अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान दुर्घटना ने देश ही नहीं पूरी दुनिया को चौंका दिया. यह हादसा इसलिए ज्यादा चौंकाने वाला है क्योंकि यह बोइंग ड्रीमलाइनर सीरीज का पहला क्रैश है.
हाल ही में अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान दुर्घटना ने देश ही नहीं, पूरी दुनिया को चौंका दिया. यह हादसा इसलिए ज्यादा चौंकाने वाला है क्योंकि यह बोइंग ड्रीमलाइनर सीरीज का पहला क्रैश है, और इसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत कुल 266 लोगों की मौत हो गई. सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं जिनमें सबसे सनसनीखेज आरोप यह है कि पाकिस्तान के हैकर्स ने विमान को हैक कर क्रैश कराया. सवाल उठता है – क्या यह तकनीकी रूप से मुमकिन है?
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आज के ज्यादातर यात्री विमान जैसे Boeing 737, Airbus A320, Boeing 777 आदि आधुनिक एवियोनिक्स (Avionics) सिस्टम से नियंत्रित होते हैं. ये कंप्यूटर सिस्टम उड़ान संचालन, नेविगेशन, इंजन नियंत्रण और ऑटोपायलट जैसी अहम जिम्मेदारियां निभाते हैं. इन सभी को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह बाहरी नेटवर्क, जैसे इंटरनेट या वाई-फाई से पूर्णतः अलग (Isolated) रहें.
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आजकल विमान कंपनियां मल्टी-लेयर सिक्योरिटी अपनाती हैं. इनमें शामिल हैं, एन्क्रिप्शन टेक्नोलॉजी, जिससे डाटा को सुरक्षित किया जाता है. फायरवॉल्स और इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम (IDS), जो अनधिकृत एक्सेस की निगरानी करते हैं. नेटवर्क आइसोलेशन, जिससे कॉकपिट सिस्टम और इंफोटेनमेंट सिस्टम पूरी तरह अलग रहते हैं.
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इसका मतलब है कि यात्री इस्तेमाल करने वाले इंटरनेट या वाई-फाई से कॉकपिट का कोई कनेक्शन नहीं होता. 2015 में एक अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट क्रिस रॉबर्ट्स ने दावा किया था कि उसने फ्लाइट के इंफोटेनमेंट सिस्टम के जरिए कॉकपिट तक पहुंचने की कोशिश की थी. हालांकि, इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई लेकिन FAA और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने इसे गंभीरता से लिया और बाद में साइबर सुरक्षा को और सख्त किया गया.
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इंफोटेनमेंट सिस्टम: अगर सुरक्षा में चूक हो, तो यह एक रास्ता बन सकता है. इसके अलावा अगर तकनीशियन या अंदरूनी कर्मचारी अगर जानबूझकर सिस्टम में गड़बड़ी करे तो खतरा संभव है. सबसे बड़ा खतरा किसी अंदर के व्यक्ति द्वारा की गई छेड़छाड़ से होता है.
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तकनीकी रूप से किसी भी आधुनिक यात्री विमान को रिमोटली हैक करके क्रैश कराना बेहद मुश्किल और लगभग असंभव है. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां इस संभावना को नजरअंदाज नहीं करतीं और सतत निगरानी व सुधार जारी रखते हैं. सबसे गंभीर खतरा भीतर से आने वाले साइबर खतरों का होता है जिसे रोकने के लिए कड़े प्रोटोकॉल लागू किए जाते हैं.
Published at : 17 Jun 2025 02:19 PM (IST)
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