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In Pics: उदयपुर में देवदर्शन पदयात्रा कार्यक्रम, बाल गोपाल को गोद में लेकर नंगे पैर चलीं मंत्री शकुंतला रावत
Udaipur Devdarshan Padyatra: देवस्थान विभाग से उदयपुर में हुआ देवदर्शन पदयात्रा , सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे ,मंत्री रावत भगवान के बाल गोपाल स्वरूप की गोद ने के शहर की सड़कों पर नंगे पैर चली.
उदयपुर में हुआ देवदर्शन पदयात्रा कार्यक्रम
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राज्य सरकार के देवस्थान विभाग से रविवार को वैशाख माह की एकादशी पर उदयपुर शहर में देवदर्शन पदयात्रा निकाली गई. इस कार्यक्रम में देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने शिरकत की और यात्रा के दौरान भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को गोद में लेकर नंगे पैर पदयात्रा की.
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भवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को गोद में लेकर नंगे पैर पदयात्रा करते मंत्री और अन्य विशिष्टजनों को देखने के लिए गलियों में शहरवासी उमड़ पड़े और उन्होंने पुष्पवृष्टि कर इस यात्रा का स्वागत किया.
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इस दौरान केबिनेट मंत्री ने उदयपुरवासियों से आह्वान किया कि भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में विशिष्ट व पूजनीय है और हमें संस्कार विरासत में मिलते हैं इन्हें सहेजने की महती आवश्यकता है.
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यात्रा शहर के गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर से चांदपोल होते हुए अमराई घाट तक आयोजित हुई. इस पदयात्रा में देवस्थान विभाग के राजकीय आत्मनिर्भर एवं राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार वाले 11 मंदिरों पर देवदर्शन के साथ विधिवत पूजा अर्चना की गई.
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मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राजधानी जयपुर में पहले आयोजन के बाद उदयपुर का यह आयोजन नई पीढ़ी को हमारी संस्कृति, हमारी धरोहर, हमारी कला और परंपराओं की पहचान और उनके प्रति जागरूकता के लिए किया गया.
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इस पदयात्रा के दौरान शहर के जगदीश चौक पर्यटन क्षेत्र में देश-विदेश से आए पर्यटक भी इस पदयात्रा में झूमते दिखाई दिए. विदेशी सैलानियों ने चन्दन तिलक लगवाकर हरे कृष्णा-हरे राम की धुन पर उत्साह के साथ नृत्य किया और पदयात्रा में दृश्यों को अपने कैमरों में कैद किया. शहर के प्रमुख पर्यटन क्षेत्र सिटी पैलेस से गणगौर घाट के बीच की क्षेत्र भक्तिरस में डूबा दिखाई दिया.
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इस्कॉन एवं हरे कृष्णा के प्रतिनिधियों ने सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पर स्थित गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर से ढोलक एवं मंजीरों के साथ अन्य वाद्य यंत्रों की ताल पर हरे कृष्णा-हरे रामा का राग छेड़ा. यात्रा प्रारंभ से लेकर समाप्ति तक ओल्ड सिटी की गलियों में हरे कृष्णा-हरे रामा का यह राग गूंजता रहा, वहीं गणगौर घाट पर लोक कलाकारों की भजन प्रस्तुतियों पर श्रृद्धालु पदयात्री खुद को रोक नहीं पाए. इसके दौरान सभी मंदिरों के बाहर एवं पदयात्रा मार्ग के दौरान पुष्पवर्षा की गई और पदयात्रियों का स्वागत किया गया.
Published at : 17 Apr 2023 11:03 PM (IST)
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