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Vivekananda Rock Memorial: दक्षिण भारत की 'वो' चट्टान...जहां ध्यान लगाएंगे देश के 'प्रधान', PM मोदी का कुछ ऐसा है कन्याकुमारी कार्यक्रम
Vivekananda Rock Memorial: स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. उन्होंने 1892 में रॉक मेमोरियल पर ध्यान लगाया और फिर 1893 में वह शिकागो गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान मंडपम में एकांतवांस में जाकर ध्यान लगाने वाले हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार और अपनी बाकी राजनीतिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद 30 मई को कन्याकुमारी जाएंगी. वह तीन दिन यहीं रुकने वाले हैं. पीएम मोदी कन्याकुमारी में स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर जाएंगे और यहां पर बने ध्यान मंडपम में ध्यान लगाएंगे.
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तमिलनाडु के कन्याकुमारी में बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिंद महासागर का मिलन होता है. यहां पर ही विवेकानंद रॉक मेमोरियल स्थित है. इस मेमोरियल में बने ध्यान मंडपम में छह कमरे हैं. इसका आध्यात्मिक वातावरण शांतिपूर्ण ध्यान के लिए आदर्श है.
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टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पीएम मोदी पंजाब के होशियारपुर में चुनाव प्रचार खत्म करने के बाद गुरुवार को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पहुंचेंगे. शाम को वह कन्याकुमारी के गेस्ट हाउस पहुंचेंगे. इसके बाद वह नाव से विवेका नंद रॉक मेमोरियल के लिए प्रस्थान करेंगे. शनिवार दोपहर तक वह वहीं रहेंगे.
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ध्यान मंडपम में ध्यान लगाने के बाद पीएम मोदी शनिवार शाम को कन्याकुमारी हेलीपैड पहुंचेंगे. यहां से वह तिरुवनंतपुरम लौटेंगे और फिर उसी दिन दिल्ली लौट जाएंगे. सूत्रों ने बताया है कि कन्याकुमारी जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने तैयारियों के लिए विवेकानंद केंद्र में हुई बैठक में हिस्सा लिया.
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ध्यान मंडपम वही जगह है, जहां करीब 130 साल पहले स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था. कहा जाता है कि अमेरिका में 1893 में धर्म सम्मेलन में जाने से पहले विवेकानंद को यहीं ज्ञान मिला था. उन्हें यहां पता चला कि जीवन का मूल्य क्या है. विश्व कल्याण का सामर्थ्य सिर्फ भारत के पास है.
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स्वामी विवेकानंद के प्रबल अनुयायी एकनाथ रामकृष्ण रानाडे स्मारक की स्थापना में मुख्य भूमिका निभाने वाले व्यक्ति थे. यह स्मारक लगभग छह साल में बनकर पूरा हुआ था. इसे बनाने के लिए लगभग 650 मजदूरों ने काम किया. 1970 में मेमोरियल का उद्घाटन किया गया था.
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स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को फैलाने के लिए एकनाथ रामकृष्ण रानाडे ने 7 जनवरी, 1972 को 'विवेकानन्द केन्द्र' नामक एक संगठन की भी स्थापना की. विवेकानन्द केन्द्र की स्थापना विवेकानन्द स्मारक के बगल में की गई थी. आज यहां देशभर से लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं.
Published at : 29 May 2024 01:57 PM (IST)
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