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चांद और मंगल के बाद अब किस ग्रह पर जाने की तैयारी में है भारत? अंतरिक्ष में फिर लहराएगा तिरंगा
Venus Orbiter Mission: केंद्र सरकार ने वीनस ऑर्बिटर मिशन को अनुमति दे दी है, जिस पर लगभग 1200 करोड़ से अधिक का खर्च आएगा. इस मिशन में भी मंलयान की तरही ही शुक्र पर एक ऑर्बिटर भेजा जाएगा.
चंद्रमा और मंगल के बाद भारत के वैज्ञानिकों की नजर अब शुक्र के लक्ष्य पर है. इस मिशन वीओएम में शुक्र की सतह और वायुमंडल का अध्ययन किया जाएगा.
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (18 सितंबर 2024) को अंतरिक्ष से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिसमें वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) भी शामिल है.
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वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) का उद्देश्य साइंटिफिक खोज, भूविज्ञान को बेहतर ढंग से समझना, शुक्र ग्रह के वायुमंडल और इसके घने वायुमंडल पर रिसर्च करके वैज्ञानिक आंकड़े जुटाना है.
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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि शुक्र ग्रह पर भारत के पहले मिशन वीओएम पर 1,236 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से 824.00 करोड़ रुपये सिर्फ अंतरिक्ष यान पर खर्च किए जाएंगे. इसे मार्च 2028 में लॉन्च किया जाना है.
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शुक्र ग्रह पृथ्वी के सबसे निकट का ग्रह है. यह माना जाता है कि शुक्र ग्रह का निर्माण पृथ्वी के परिस्थितियों की वजह से ही हुआ है. इस परियोजना को इसरो में प्रचलित स्थापित प्रथाओं के माध्यम से निगरानी की जाएगी.
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भारत सरकार ने गगनयान कार्यक्रम के दायरे को बढ़ाते हुए भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की पहली इकाई के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है. इसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस-1) का पहला मॉड्यूल विकसित करना, बीएएस के निर्माण और संचालन के लिए विभिन्न तकनीकों को मान्य करने के लिए मिशन संचालित करना है.
Published at : 18 Sep 2024 07:21 PM (IST)
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