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सच्चाई का सेंसेक्स: जानें- कोरोना के 1921 नंबर वाले सर्वे का सच
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![सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स खुद को दिल्ली पुलिस का जवान बता रहा है, साथ ही कह रहा है कि वो कोरोना पॉजिटिव है. वीडियो को अगर पूरा देखें तो वीडियो में इस शख्स ने अपना नाम सचिन कुमार तोमर बताया है. वो कहते है कि उन्हें ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण हुआ. जिसके बाद इलाज के लिए उसे दिल्ली के ब्रह्मप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनका आरोप है कि अस्पताल में सुविधाओं की कमी है. इलाज कम कष्ट ज्यादा है. उन्होंने बताया कि एक कमरे में 20 लोगों को रखा हुआ है. 20 आदमी के लिए एक ही बाथरूम है. कोई मरीज़ अगर दवाई मांगता है उसे दवाई नहीं मिलती. इस वीडियो को देखने के बाद कोरोना इंतजाम पर कई सवाल खड़े होते है. वायरल वीडियो में कितनी सच्चाई है इसकी पड़ताल की गई. पुलिस ने बताया कि वीडियो में शख्स का नाम सचिन है जो तिलकनगर इलाके में तैनात है. ड्यूटी के दौरान उसको कोरोना हो गया. जिसके बाद उसे अस्पताल शिफ्ट कराया गया. दिल्ली पुलिस के डीसीपी वेस्ट दीपक पुरोहित ने बताया कि जानकारी मिलने पर बेहतर सुविधाओं के साथ अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है. इसके बाद सचिन ने और वीडियो शेयर किया है जिसमें वो कह रहे हैं कि, यहां तकिया अच्छे नहीं थे, चादर अच्छी नहीं थी, मेरे सीनियर अफरसों की मदद से मेरी तकिया, चादर बदल दी गई है. सेनेटाइजर भी दे दिया गया है और कमरा भी बदल दिया गया है. तो पड़ताल में साबित हुआ कि सिपाही सचिन को सुविधाएं ना मिलने की शिकायत का दावा सच साबित हुआ है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/04/22233921/95015479_522824835072056_4901662861425639424_n.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स खुद को दिल्ली पुलिस का जवान बता रहा है, साथ ही कह रहा है कि वो कोरोना पॉजिटिव है. वीडियो को अगर पूरा देखें तो वीडियो में इस शख्स ने अपना नाम सचिन कुमार तोमर बताया है. वो कहते है कि उन्हें ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण हुआ. जिसके बाद इलाज के लिए उसे दिल्ली के ब्रह्मप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनका आरोप है कि अस्पताल में सुविधाओं की कमी है. इलाज कम कष्ट ज्यादा है. उन्होंने बताया कि एक कमरे में 20 लोगों को रखा हुआ है. 20 आदमी के लिए एक ही बाथरूम है. कोई मरीज़ अगर दवाई मांगता है उसे दवाई नहीं मिलती. इस वीडियो को देखने के बाद कोरोना इंतजाम पर कई सवाल खड़े होते है. वायरल वीडियो में कितनी सच्चाई है इसकी पड़ताल की गई. पुलिस ने बताया कि वीडियो में शख्स का नाम सचिन है जो तिलकनगर इलाके में तैनात है. ड्यूटी के दौरान उसको कोरोना हो गया. जिसके बाद उसे अस्पताल शिफ्ट कराया गया. दिल्ली पुलिस के डीसीपी वेस्ट दीपक पुरोहित ने बताया कि जानकारी मिलने पर बेहतर सुविधाओं के साथ अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है. इसके बाद सचिन ने और वीडियो शेयर किया है जिसमें वो कह रहे हैं कि, यहां तकिया अच्छे नहीं थे, चादर अच्छी नहीं थी, मेरे सीनियर अफरसों की मदद से मेरी तकिया, चादर बदल दी गई है. सेनेटाइजर भी दे दिया गया है और कमरा भी बदल दिया गया है. तो पड़ताल में साबित हुआ कि सिपाही सचिन को सुविधाएं ना मिलने की शिकायत का दावा सच साबित हुआ है.
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![सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा पुलिस का एक जवान दारोगा को सरे आम लाठी से पीट रहा है. कहा जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान सिपाही और दारोगा में कहासुनी हो गई, जिसके बाद सिपाही दारोगा को लाठी से मारने लगा. वीडियो उत्तर प्रदेश के सीतापुर का है. पड़ताल के दौरान एबीपी न्यूज़ ने सीतापुर के पुलिस अधीक्षक एलआर कुमार से वायरल वीडियो के बारे में सवाल पूछा. पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘’एक सब इंसपेक्टर और हेड कॉन्सटेबल की मारपीट का वीडियो वायरल हुआ है. ये प्रकरण 21 अप्रैल में कोतवाली क्षेत्र में हुआ था. ड्यूटी में सिपाही और हेड कॉन्सटेबल को तैनात किया गया था. ये बात पता चली की सब इंसपेक्टर बैठा हुआ था. उसको बताया गया था कि आप खड़े होकर ड्यूटी करिए. उस पर कहासुनी करके उन्होंने अनुशासन तोड़ते हुए वर्दी में मारपीट की. इसको तुरंत संज्ञान में लेते हुए हेड कॉन्सटेबल को जांच करने के बाद सस्पेंड कर दिया गया है.’’ सीतापुर के एसपी एलआर कुमार के बयान ने इस वीडियो की पूरी कहानी साफ कर दी. पड़ताल में वायरल वीडियो सीतापुर के होने और एक सिपाही का दारोगा कि पिटाई करने का दावा सच साबित हुआ.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/04/22233911/94387632_241446937170740_8478540208541794304_n.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा पुलिस का एक जवान दारोगा को सरे आम लाठी से पीट रहा है. कहा जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान सिपाही और दारोगा में कहासुनी हो गई, जिसके बाद सिपाही दारोगा को लाठी से मारने लगा. वीडियो उत्तर प्रदेश के सीतापुर का है. पड़ताल के दौरान एबीपी न्यूज़ ने सीतापुर के पुलिस अधीक्षक एलआर कुमार से वायरल वीडियो के बारे में सवाल पूछा. पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘’एक सब इंसपेक्टर और हेड कॉन्सटेबल की मारपीट का वीडियो वायरल हुआ है. ये प्रकरण 21 अप्रैल में कोतवाली क्षेत्र में हुआ था. ड्यूटी में सिपाही और हेड कॉन्सटेबल को तैनात किया गया था. ये बात पता चली की सब इंसपेक्टर बैठा हुआ था. उसको बताया गया था कि आप खड़े होकर ड्यूटी करिए. उस पर कहासुनी करके उन्होंने अनुशासन तोड़ते हुए वर्दी में मारपीट की. इसको तुरंत संज्ञान में लेते हुए हेड कॉन्सटेबल को जांच करने के बाद सस्पेंड कर दिया गया है.’’ सीतापुर के एसपी एलआर कुमार के बयान ने इस वीडियो की पूरी कहानी साफ कर दी. पड़ताल में वायरल वीडियो सीतापुर के होने और एक सिपाही का दारोगा कि पिटाई करने का दावा सच साबित हुआ.
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![सरकार देश में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इस महामारी को देखते हुए सरकार ने घर बैठे लोगों से उनकी स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए एक मुहीम शुरू करने जा रही है. बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से जल्द ही देश की जनता को एक फोन आएगा. ये फोन 1921 नंबर से आयेगा. वैसे तो जनता से अक्सर अपील की जाती है कि सरकारी सर्वे के नाम पर फर्जी नंबरों से सावधान रहें. लेकिन 1921 नंबर से आया फोन केवल आपके स्वास्थ्य से जुड़ी बातों पर ध्यान देगा. आपके कोरोना से संबधित सवालों का जवाब देगा इसके अलावा किसी प्रकार की कोई संवेदनशील जानकारी आपसे नहीं मांगी जाएगी.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/04/22233900/94276853_155509869237642_2622790022037766144_n.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सरकार देश में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इस महामारी को देखते हुए सरकार ने घर बैठे लोगों से उनकी स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए एक मुहीम शुरू करने जा रही है. बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से जल्द ही देश की जनता को एक फोन आएगा. ये फोन 1921 नंबर से आयेगा. वैसे तो जनता से अक्सर अपील की जाती है कि सरकारी सर्वे के नाम पर फर्जी नंबरों से सावधान रहें. लेकिन 1921 नंबर से आया फोन केवल आपके स्वास्थ्य से जुड़ी बातों पर ध्यान देगा. आपके कोरोना से संबधित सवालों का जवाब देगा इसके अलावा किसी प्रकार की कोई संवेदनशील जानकारी आपसे नहीं मांगी जाएगी.
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![सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें एक लड़की थाने में महिला पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करते दिख रहीं है. इस वीडियो की पड़ताल करने के लिए संवाददाता घटना स्थल पर पहुंचे. वीडियो अलीगढ़ का है. संवाददाता ने अलीगढ़ के पुलिस थाने पहुंच पुलिस अधिक्षक से मामले के बारें में बात की, जिसमें पुलिस अधिक्षक ने बताया कि लोधा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत बिक्सी गांव पड़ता है जहां से दो पक्षों के बीच मारपीट की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने दो पक्षों के 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद थाने पर लिखा पढ़ी के दौरान एक पक्ष की लड़की हवालत में बंद लोगों के पास जाने की कोशिश कर रहीं थी, जिस पर महिला पुलिसकर्मी ने उसे रोका तो लड़की ने महिला पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया. पड़ताल में दो पक्षों में सुलह करवाते वक्त एक लड़की का महिला पुलिस से मारपीट का वीडियो सच साबित हुआ.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/04/22233850/94250286_242246983803374_31167645659168768_n.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें एक लड़की थाने में महिला पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करते दिख रहीं है. इस वीडियो की पड़ताल करने के लिए संवाददाता घटना स्थल पर पहुंचे. वीडियो अलीगढ़ का है. संवाददाता ने अलीगढ़ के पुलिस थाने पहुंच पुलिस अधिक्षक से मामले के बारें में बात की, जिसमें पुलिस अधिक्षक ने बताया कि लोधा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत बिक्सी गांव पड़ता है जहां से दो पक्षों के बीच मारपीट की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने दो पक्षों के 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद थाने पर लिखा पढ़ी के दौरान एक पक्ष की लड़की हवालत में बंद लोगों के पास जाने की कोशिश कर रहीं थी, जिस पर महिला पुलिसकर्मी ने उसे रोका तो लड़की ने महिला पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया. पड़ताल में दो पक्षों में सुलह करवाते वक्त एक लड़की का महिला पुलिस से मारपीट का वीडियो सच साबित हुआ.
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![सोशल मीडिया पर मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म का एक पत्र वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण पर्यटन विभाग ने पंद्रह अक्टबूर तक सभी होटल, रेस्टोरेंट और रिजॉर्ट को बंद रखने के आदेश दिया हैं. देश में 3 मई तक लॉकडाउन है. इसके पहले इस तरह का क्या कोई आदेश पर्यटन विभाग की तरफ से दिया गया है. सोशल मीडिया पर वायरल इस चिट्ठी को पर्यटन विभाग के आदेश की कॉपी बताया जा रहा है. उसमें लिखी बातों और दावे का सच क्या है? ये जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की. पड़ताल में मिले लेटर में भी हमें वैसी ही एक चिठ्ठी मिली जिसमें हमें पीआईबी की वो कॉपी मिली जिसमें पर्यटन विभाग की तरफ से ऐसा कोई भी आदेश दिए जाने का खंडन किया गया था. यानी 15 अक्टूबर तक कोरोना वायरस की वजह से होटल, रेस्टोरेंट और रिसॉर्ट बंद रखने का दावा झूठा साबित हुआ.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/04/22233840/94149187_828925677590399_5509685996947505152_n.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सोशल मीडिया पर मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म का एक पत्र वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण पर्यटन विभाग ने पंद्रह अक्टबूर तक सभी होटल, रेस्टोरेंट और रिजॉर्ट को बंद रखने के आदेश दिया हैं. देश में 3 मई तक लॉकडाउन है. इसके पहले इस तरह का क्या कोई आदेश पर्यटन विभाग की तरफ से दिया गया है. सोशल मीडिया पर वायरल इस चिट्ठी को पर्यटन विभाग के आदेश की कॉपी बताया जा रहा है. उसमें लिखी बातों और दावे का सच क्या है? ये जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की. पड़ताल में मिले लेटर में भी हमें वैसी ही एक चिठ्ठी मिली जिसमें हमें पीआईबी की वो कॉपी मिली जिसमें पर्यटन विभाग की तरफ से ऐसा कोई भी आदेश दिए जाने का खंडन किया गया था. यानी 15 अक्टूबर तक कोरोना वायरस की वजह से होटल, रेस्टोरेंट और रिसॉर्ट बंद रखने का दावा झूठा साबित हुआ.
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डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
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