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Kashi Vishwanath Mandir: जब काशी विश्वनाथ मंदिर के ध्वस्त किए जाने पर आगबबूला हो उठी थीं छत्रपति शिवाजी की मां! बेटे से कही थी यह बड़ी बात
Vikram Sampath on Kashi Vishwanath Mandir: इतिहासकार विक्रम संपत ने इस किस्से का जिक्र 'वेटिंग फॉर शिवा' किताब में किया है. उनकी बुक में काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े और भी रोचक किस्से मिलते हैं.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर पर आक्रांताओं ने जब हमला किया था तब छत्रपति शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई आगबबूला हो उठी थीं. उन्होंने तब पुत्र से एक बड़ी बात कही थी. इस किस्से का जिक्र 'वेटिंग फॉर शिवा: अनअर्थिंग दि ट्रूथ ऑफ काशीज़ ज्ञानवापी' नाम की किताब में मिलता है, जिसे लेखक और इतिहासकार विक्रम संपत ने लिखा है.
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विक्रम संपथ ने यूट्यूब चैनल 'लल्लनटॉप' से बातचीत में बताया, "लोक कथाएं हैं कि जब काशी विश्वनाथ मंदिर ध्वस्त किया गया था, तब शिवाजी महाराज जीवित थे."
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लेखक और इतिहासकार ने आगे कहा- बोला जाता है कि छत्रपति शिवाजी की मां जीजाबाई को उस समय बहुत गुस्सा (काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ने पर) आया था.
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विक्रम संपथ बोले, जीजाबाई ने तब बेटे से कहा था कि अगर वह असल में पुरुष हैं तो विश्वनाथ मंदिर को पुनःस्थापित करना ही उनके जीवन का ध्येय होना चाहिए.
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राइटर के अनुसार, औरंगजेब ने तब काशी के मंदिर को पूरा नहीं तुड़वाया था. उसने इस धर्मस्थल को जानबूझकर आधा तुड़वाया था, जिसके पीछे खास वजह थी.
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विक्रम संपथ बोले- औरंगजेब ने तब मंदिर के शिखरों को तोड़कर उसके ऊपर तीन गुंबद बनवा दिए थे, ताकि जब हिंदू जब वहां जाएं तो उन्हें अपमान का भाव आए.
Published at : 15 Mar 2024 10:14 AM (IST)
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