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Parda In Islam: पर्दा, हया की निशानी या मजबूरी? जानें कुरआन में पर्दे का जिक्र
Parda In Islam: पर्दा सिर्फ कपड़ा नहीं, बल्कि हया और इज्जत की निशानी है. कुरआन में इसे खुदा की हिदायत और हिफाजत के लिए बताया गया है, जो मजबूरी नहीं, बल्कि इज्जत का प्रतीक है.
हया और इज्जत का प्रतीक पर्दा
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पर्दा महज एक चादर नहीं जो औरत के जिस्म को ढकता हो, और ना ही पर्दा औरत की पहचान को छिपाता है. पर्दा एक मुसलमान औरत की पहचान है. जब एक औरत पर्दा करके निकलती है तो वो दूर से ही पहचान ली जाती है कि वो एक खुदा की इबादत करने वाली है, वो एक मुसलमान है.
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इस्लामी हदीस के मुताबिक पर्दा अल्लाह का हुकुम है. कहा जाता है कि जब एक मुसलमान औरत ये दावा करती है कि वो एक अल्लाह की बंदी है, और वो मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम को मानने और उनकी सुन्नत पर अमल करती हैं. तो उसके लिए एक बात काफी है कि वो अपने आप को सर से ले कर पैर तक ढाक लें.
Published at : 10 Oct 2025 04:58 PM (IST)
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