UPSC Success Story: गरीबी नहीं बनी बाधा, मेहनत बनी पहचान; पढ़ें उमेश गणपत का दूध बेचने से IPS बनने तक का सफर
UPSC Success Story: महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव से निकलकर उमेश गणपत खांडबहाले ने 12वीं में असफलता और दूध बेचने जैसे कठिन दौर का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी.

कहते हैं कि अगर इंसान ठान ले और मेहनत करना न छोड़े, तो हालात चाहे जैसे भी हों, मंजिल जरूर मिलती है. ऐसी ही एक सच्ची और प्रेरणादायक कहानी है भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी उमेश गणपत खांडबहाले की. उनकी जिंदगी का सफर उन युवाओं के लिए बड़ी सीख है, जो किसी एक असफलता के बाद खुद को कमजोर समझने लगते हैं.
उमेश गणपत खांडबहाले महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखते हैं. उनका परिवार साधारण था और संसाधन भी सीमित थे. पढ़ाई के दौरान उन्हें एक बड़ा झटका तब लगा, जब वह 12वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा में असफल हो गए. इस परीक्षा में उन्हें सिर्फ 21 नंबर मिले. यह असफलता इतनी बड़ी थी कि वह पूरी 12वीं कक्षा में ही फेल हो गए. इसके बाद परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें नियमित पढ़ाई छोड़नी पड़ी.
करते थे ये काम
पढ़ाई छूटने के बाद उमेश ने खुद को हालात के भरोसे नहीं छोड़ा. परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए उन्होंने अपने पिता के साथ काम करना शुरू किया. वह रोज अपने गांव से नासिक जाकर दूध बेचते थे. इसके अलावा भी उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किए, ताकि घर का खर्च चल सके. दिन भर मेहनत और संघर्ष उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया.
हालांकि, कठिन हालात के बावजूद उमेश के मन में पढ़ाई और आगे बढ़ने की इच्छा कभी खत्म नहीं हुई. उन्होंने यह मान लिया था कि रास्ता मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं. कुछ समय बाद उन्होंने ओपन स्कूल के जरिए फिर से पढ़ाई शुरू करने का फैसला किया. मेहनत और धैर्य के साथ उन्होंने दोबारा 12वीं कक्षा पास की. यह उनके जीवन का पहला बड़ा मोड़ साबित हुआ.
साइंस में की पढ़ाई
12वीं पास करने के बाद उमेश ने साइंस विषय से कॉलेज में दाखिला लिया. पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें अपने खर्च और परिवार की मदद के लिए काम भी करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. धीरे-धीरे उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की. इस दौरान उनके मन में देश की सेवा करने का सपना और मजबूत होता चला गया.
इसके बाद उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की. यह सफर आसान नहीं था, खासकर उस व्यक्ति के लिए जिसने कभी पढ़ाई छोड़ने का दर्द झेला हो. लेकिन उमेश ने अपनी पिछली असफलताओं को कमजोरी नहीं, बल्कि अपनी ताकत बना लिया. उन्होंने सीमित संसाधनों में पढ़ाई की, समय का सही इस्तेमाल किया और लगातार मेहनत करते रहे.
मिली थी ये रैंक
कड़ी मेहनत का नतीजा आखिरकार सामने आया. उमेश गणपत खांडबहाले ने UPSC परीक्षा पास की और उन्हें 704वीं रैंक हासिल हुई. इस रैंक के साथ उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए हुआ.
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Source: IOCL






















