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Live-in Relationship: क्या मेंटल हेल्थ के लिए सही है लिव-इन रिलेशनशिप? जानें इसके फायदे और नुकसान
आज के समय में लिव-इन रिलेशनशिप का चलन काफी बढ़ गया है. कपल्स शादी से पहले ही एक जोड़े की तरह साथ रहने लगे हैं. इसके अपने कुछ फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी. वहीं समाज में इसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है
लिव-इन रिलेशनशिप का मांसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाला असर
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दिन में कुछ घंटों के लिए खुद के सबसे बेस्ट वर्जन में रहना आसान है, लेकिन क्या कोई इसे लंबे समय तक लागू कर सकता है? बाथरूम शेयर करने से लेकर, खराब मूड से निपटने तक, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर कैसा असर पड़ता है, यह जानना भी जरूरी होता है. आइये जानते हैं इसके फायदे और नुकसान दोनों.
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भावनात्मक सुरक्षा: साथ रहने से भावनात्मक सुरक्षा और सौहार्द की भावना विकसित हो सकती है, जो दोनों के मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी है.
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जिम्मेदारियां बांटें: किसी के साथ घर के कामों से लेकर फाइनेंशियल कमिटमेंट्स तक जिम्मेदारियां बट जाती हैं, जो तनाव को कम करता है.
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गहरी समझ: एक साथ रहने से आप अपने साथी की विचित्रताओं और आदतों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं, जिससे उनके साथ तालमेल बिठाना आसान हो सकता है. लेकिन कुछ फायदों के साथ कुछ नुकसान भी हैं.
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बाहरी दबाव: सामाजिक परिवर्तनों के बावजूद, लिव-इन रिलेशन को अभी भी विशेष सामाजिक समूहों या जातीय पृष्ठभूमि द्वारा कलंकित माना जाता है और इन्हें अस्वीकार किया जाता है. इन बाहरी प्रभावों से निपटना कुछ लोगों के लिए मानसिक रूप से थका देने वाला हो सकता है.
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सामाजिक मान्यता का अभाव: लिव-इन पार्टनर्स को विवाहित जोड़ों के कुछ कानूनी अधिकार, भत्ते या सामाजिक मान्यता प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है. औपचारिक सराहना की कमी से अमान्यता की भावनाएं पैदा हो सकती हैं.
Published at : 11 May 2024 11:10 AM (IST)
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