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दुनिया में कितनी तरीके के होते हैं कैलेंडर, भारत में कौन-कौन से कैलेंडर चलते हैं?
World Of Calendars: दुनिया में अलग कैलेंडर न होते तो पता नहीं इंसानों का जीवन कैसा होता. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कितने तरह के कैलेंडर होते हैं और कितनों का इस्तेमाल किया जाता है.

हमारे हर दिन की शुरुआत एक नई तारीख के साथ होती है. इन तारीखों और महीनों को हम कैलेंडर में सदियों से देखते आ रहे हैं. साल, महीना, शुभ-अशुभ दिन, चंद्रग्रहण, सूर्यग्रहण, त्योहार आदि की जानकारी हमें कैलेंडर के जरिए ही होती है. हिंदुओं में पंचांग देखने की परंपरा है तो वहीं इस्लाम में हिजरी कैलेंडर देखा जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में कितने कैलेंडर का इस्तेमाल होता है. चलिए आज इस बारे में जानते हैं.
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फ्रांस में मिले सबूतों की मानें तो दुनिया में 30,000 साल पहले से कैलेंडर देखा जा रहा है. प्राचीन काल में मिस्त्री, माया और सुमेरियाई सभ्यता के कलेंडर हुआ करते थे.
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भारत में हिंदू पंचांग का इतिहास 1000 साल पहले का है. वर्तमान में ग्रेगोरियन कलेंडर का इस्तेमाल होता है जो कि 1582 में आस्तित्व में आया था. यह कैलेंडर 365.25 दिनों को मानता है. इसी में लीप इयर भी होता है.
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एक आंकड़े की मानें तो अकेले भारत में 36 तरह के कैलेंडर का इस्तेमाल होता था, लेकिन आज के समय में 12 प्रचलन में हैं, जबकि 24 चलन से बाहर हो गए हैं.
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यहूदी कैलेंडर चंद्र और सूर्य से बना है. दुनियाभर के देशों के यहूदी इसी का इस्तेमाल करते हैं. इसका दूसरा नाम हिब्रू कैलेंडर है.
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भारतीय कैलेंडर को शक संवत् या विक्रम संवत् कहा जाता है. यह कैलेंडर भी चंद्र और सूर्य पर आधारित होता है.
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चीन का कैलेंडर भी सूर्य और चंद्रमा से ही मिलकर बना है, लेकिन यह ग्रेगोरियन कैलेंडर से अलग होता है. वहां इसे कृषि कैलेंडर भी कहते हैं.
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इस्लामी कैलेंडर को हिजरी कैलेंडर भी कहते हैं. यह चंद्रमा पर आधारित होता है. इसमें 354 या 355 दिन शामिल होते हैं. इसका ज्यादातर इस्तेमाल अरब के देशों में होता है.
Published at : 07 Apr 2025 02:56 PM (IST)
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