आदित्य ठाकरे के दावे ने बढ़ाई शिंदे गुट की टेंशन! कहा- '22 विधायक CM फडणवीस के...'
Aaditya Thackeray News: शिवसेना (यूबीटी) के एमएलए आदित्य ठाकरे ने दावा करते हुए कहा कि उन विधायकों के पास अच्छा फंड है और अब उन्होंने सीएम की धुन पर नाचना शुरू कर दिया है.

शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने महायुति के विधायकों को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने सोमवार (08 दिसंबर) को कहा कि महायुति के एक सहयोगी के 22 विधायक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीब आ गए हैं और पाला बदलने के लिए तैयार हैं. बताया जा रहा है कि उन्होंने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के संदर्भ में ऐसा कहा है.
आदित्य ठाकरे ने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का नाम लिए बिना दावा किया, ''एक पार्टी और दो गुट हैं. एक गुट के 22 विधायक सीएम के करीब आ गए हैं. उनके पास अच्छा फंड है और अब उन्होंने सीएम की धुन पर नाचना शुरू कर दिया है.''
'महायुति के 22 विधायक पाला बदलने को तैयार'
विधान भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के वर्ली से विधायक ने कहा, ''22 विधायक पाला बदलने को तैयार हैं. इन विधायकों में से कोई खुद को उप-कप्तान कहता है''. कहा जा रहा है कि उन्होंने उद्योग मंत्री उदय सामंत को लेकर ऐसा कहा है. पूर्व में शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया था कि सामंत शिंदे और अजित पवार के साथ राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री हो सकते हैं.
2022 में विभाजित हो गई थी शिवसेना
बता दें कि जून 2022 में शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बाद शिवसेना विभाजित हो गई थी, जिसके बाद तत्कालीन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई. बाद में, जनवरी 2024 में, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट असली शिवसेना थी, जो बीजेपी और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी के साथ राज्य में सत्तारूढ़ महायुति का एक घटक है.
विपक्ष के नेता की नियुक्ति को लेकर क्या बोले आदित्य?
राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता नियुक्त करने में निष्क्रियता के मुद्दे पर आदित्य ठाकरे ने पूछा कि सरकार विपक्ष के नेता से क्यों डरती है. शिवसेना (यूबीटी) नेता भास्कर जाधव को उनकी पार्टी, जो 20 विधायकों के साथ निचले सदन में सबसे बड़ा विपक्षी दल है, ने विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए नामित किया है, लेकिन स्पीकर द्वारा कैबिनेट स्तर की नियुक्ति पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
जाधव ने राज्य विधानमंडल को पत्र लिखकर जानना चाहा था कि क्या ऐसा कोई नियम है जो यह अनिवार्य करता हो कि विपक्ष के नेता पद पर दावा करने के लिए किसी विपक्षी दल के पास विधानसभा की कुल संख्या (288 में से 29 सीटें) का 10 प्रतिशत होना चाहिए. पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों में विपक्ष की करारी हार के बाद, कोई भी पार्टी कुल 288 सीटों में से 10 प्रतिशत सीटें नहीं जीत सकी थी.
गौरतलब है कि शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व एमएलसी अंबादास दानवे, जो विधान परिषद में विपक्ष के नेता थे. उनका कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो गया था. कांग्रेस ने अपने एमएलसी सतेज पाटिल को उच्च सदन में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त करने के लिए नामित किया है. राज्य विधान परिषद के सभापति राम शिंदे ने रविवार को कहा कि उनके कार्यालय को विपक्ष के नेता की नियुक्ति का प्रस्ताव मिला है और हितधारकों के साथ बातचीत के बाद निर्णय लिया जाएगा.
Source: IOCL





















