एक्सप्लोरर
Advertisement
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
माउंट एवरेस्ट नहीं बल्कि ये है पृथ्वी का सबसे ऊंचा पहाड़
अमूमन समझा जाता है कि माउंट एवरेस्ट पृथ्वी का सबसे ऊंचा पहाड़ है, जिसपर चढ़ने का सपना कई लोगों का होता है.
![अमूमन समझा जाता है कि माउंट एवरेस्ट पृथ्वी का सबसे ऊंचा पहाड़ है, जिसपर चढ़ने का सपना कई लोगों का होता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/20/79951717f317191c4ddb0d99df04c7e11708427174577742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
माउंट एवरेस्ट का शिखर समुद्र तल से 8,849 मीटर ऊपर है. इसपर चढ़ पाना हर किसी के बस की बात नहीं है.
1/5
![कई लोगों का मानना है कि ये पहाड़ दुनिया का सबसे लंबा पहाड़ है, हालांकि ऐसा नहीं है. बता दें पृथ्वी का सबसे ऊंचा पहाड़ कोई और ही है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/20/65925554e252ca6fdee12df09235e5695df71.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कई लोगों का मानना है कि ये पहाड़ दुनिया का सबसे लंबा पहाड़ है, हालांकि ऐसा नहीं है. बता दें पृथ्वी का सबसे ऊंचा पहाड़ कोई और ही है.
2/5
![इस पहाड़ का नाम मौआ केआ है. इस पहाड़ की लंबाई माउंट एवरेस्ट से भी ज्यादा हैै. दरअसल मौआ केआ एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/20/1ae1fa142f922a9e71d57c733c9b30d70c033.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस पहाड़ का नाम मौआ केआ है. इस पहाड़ की लंबाई माउंट एवरेस्ट से भी ज्यादा हैै. दरअसल मौआ केआ एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है.
3/5
![जिसका आधे से ज्यादा हिस्सा प्रशांत महासागर के अंदर मौजूद है. दरअसल इस पहाड़ का 4,205 मीटर हिस्सा समुद्र तल से ऊपर हैै. वहीं लगभग 6 हजार मीटर हिस्सा समुद्र के नीचे है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/20/f3bccad47ac4230b64f27bdaa2983c834e6de.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जिसका आधे से ज्यादा हिस्सा प्रशांत महासागर के अंदर मौजूद है. दरअसल इस पहाड़ का 4,205 मीटर हिस्सा समुद्र तल से ऊपर हैै. वहीं लगभग 6 हजार मीटर हिस्सा समुद्र के नीचे है.
4/5
![इस तरह इस पहाड़ की कुल लंबाई की बात करें तो ये 10.205 है. जो एवरेस्ट से भी 1.4 किलोमीटर ज्यादा है. इस जगह को हवाई की बहुत ही पवित्र जगह भी माना जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/20/70560d3942fd993c38ba8b153a9ae2a605722.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस तरह इस पहाड़ की कुल लंबाई की बात करें तो ये 10.205 है. जो एवरेस्ट से भी 1.4 किलोमीटर ज्यादा है. इस जगह को हवाई की बहुत ही पवित्र जगह भी माना जाता है.
5/5
![शोधकर्ताओं की मानें तो ये ज्वालामुुखी लगभग 4,500 सालों से निष्क्रिय है. हालांकि इसका ज्यादातर हिस्सा समुद्र पर होने के चलते इसपर चढ़ने में 7 से 8 घंटे ही लगते हैं. वहीं माउंट एवरेसस्ट पर चढ़ने में 7 से 9 हफ्तों तक का समय लग जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/20/465b5c73a69680677f0a6da08bc7f889d7548.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शोधकर्ताओं की मानें तो ये ज्वालामुुखी लगभग 4,500 सालों से निष्क्रिय है. हालांकि इसका ज्यादातर हिस्सा समुद्र पर होने के चलते इसपर चढ़ने में 7 से 8 घंटे ही लगते हैं. वहीं माउंट एवरेसस्ट पर चढ़ने में 7 से 9 हफ्तों तक का समय लग जाता है.
Published at : 20 Feb 2024 05:55 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
बॉलीवुड
बिहार
विश्व
Advertisement
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
Opinion