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सांप के डसने से नहीं बल्कि सांप के डसने के बाद भारत में इस चीज से होती हैं सबसे ज्यादा मौतें
सांप का डर हर किसी को होता है और वो डस ले तो लोगों को लगता है कि मौत पक्की, लेकिन एक रिसर्च कहती है कि सांप के डसनेे से नहीं बल्कि भारत में सांप केे डसने के बाद लोगों की मौत का कारण कुछ और होता है.
सांप के डंसने से नहीं बल्कि दूसरे कारण से होती है लोगों की मौत (प्रतिकात्मक तस्वीर)
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सर्पदंश से दुनियाभर में जितनी भी मौतें होती हैं उनमे आधी से ज्यादा संख्या भारत में मरने वालों की होती है. हालांकि ज्यादातर मामलों में लोग सांप के जहर से नहीं बल्कि डर और अंधविश्वास से मर जाते हैं.
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हमारे देश में जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं. जिनमें से 5 प्रजातियां बेहद खतरनाक है. साल 2011 में हुए एक अध्ययन के अनुसार देश में सांप के काटने से हर साल 46 हजार लोगों की मौत होती थी. लेकिन हाल ही में दिए गए विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकडो़ं की मानें तो अब ये आंकड़ा 50 हजाार तक पहुंच गया है. वहींं हर साल सांप के काटने से 3 लाक लोग जान गवा देते हैं.
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इस मामलों के जानकारी रखनेे वाले विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में सांप के काटने से हर 10 मिनट में एक व्यक्ति की मौत होती है. देश में सर्पदंश की घटनाओं में सबसे पहला स्थान महाराष्ट्र का है. जिसके बाद इस तरह की सबसे ज्यादा घटनाएं गोवा और गुजरात में सामने आती हैं.
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आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में सर्पदंश के बाद सबसे ज्यादा मौतें जागरूकता की कमी के चलते होती है. दरअसल डॉक्टर्स के अनुसार सांप के काटने के बाद व्यक्ति को तुरंत इलाज की जरुरत होती है, लेकिन जागरुकता के अभाव में सांप के काटने के बाद सबसे पहलेे लोग ओझा और झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं जिसके चलते कई लोग जान गवां देते हैं.
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ऐसे में विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि यदि लोग सही तरीके से जागरूक हों तो हर साल सांप के डंसने के बाद होने वाली मौतों की संख्या में कमी लाई जा सकती है.
Published at : 25 Jan 2024 02:21 PM (IST)
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