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1987 में हर संडे एक घंटे लेट होती थी बिहार की यह पैसेंजर ट्रेन, हकीकत आज भी उड़ा देती है होश
Train Late Every Sunday For Ramayan: ट्रेन के लेट होने से सभी लोग परेशान रहते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि 1987 में जब ट्रेन लेट होती थी तो सभी यात्री खुश होते थे. चलिए जानें कि ऐसा क्यों होता था.
रामानंद सागर की रामायण का क्रेज आज भी लोगों में से गया नहीं है. आज भी लोग रामायण देखना उतना ही पसंद करते हैं, जितना कि वे आज से 20 साल पहले पसंद करते थे. पहले के समय में तो रामायण के कई किस्से मशहूर हैं कि किसी ने रामायण के लिए अपनी शादी टाल दी, तो किसी ने परिजन का अंतिम संस्कार. लेकिन क्या आपको पता है कि इसी रामायण की वजह से एक ट्रेन हर संडे को लेट चलती थी. आइए जानें वो किस्सा.
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रामानंद सागर के पौराणिक शो रामायण का देश और सामाजिक तबके पर गहरा असर पड़ा है. जब भी रामायण पूरे देश में संडे को टीवी पर प्रसारित की जाती थी, तो जैसे पूरा देश उतनी देर के लिए ठहर सा जाता था.
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रामायण ने दर्शकों का एक ऐसा वर्ग बना लिया था, जो कि हर एपिसोड देखना चाहता था और उसे एक सेकेंड के लिए भी मिस नहीं करना चाहता था.
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रामायण को लेकर ऐसे तमाम किस्से सुनने के लिए मिलते हैं. एन एपिक लाइफ: रामानंद सागर-बरसात से रामायण तक किताब में कई किस्सों का जिक्र मिलता है.
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कुछ ऐसी ही दिलचस्प घटना एक ट्रेन को लेकर भी हुई थी. 1987 में जब रामायण टीवी पर प्रसारित होती थी, उस वक्त पटना से दिल्ली तक एक पैसेंजर ट्रेन चलती थी.
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यह पैसेंजर ट्रेन हर संडे को करीब एक घंटे लेट होती है. जब इसके लेट होने का राज खुला तो हर कोई हैरान रह गया.
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दरअसल इस ट्रेन के स्टाफ ने मिलकर रामपुर स्टेशन के वेटिंग रूप में एक टीवी खरीदा था. जब संडे को यह ट्रेन यहां से गुजरती तो सुबह 9 बजे तकरीबन एक घंटे के लिए इस स्टेशन पर रुकती थी.
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इस दौरान ट्रेन के स्टाफ के साथ-साथ सभी यात्री भी रामायण का लुत्फ उठाते और फिर एक घंटे के बाद ट्रेन अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ती थी. अगर रामायण के प्रसारण के वक्त बिजली चली जाती तो लोग पागल हो जाते थे.
Published at : 04 May 2025 05:45 PM (IST)
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