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सिविल सेवा में बढ़ा महिलाओं का दबदबा, 5 साल में रिकॉर्ड बढ़ोतरी; इंजीनियरिंग उम्मीदवारों की फिर चली धाक
सिविल सेवा परीक्षा में महिलाओं की सफलता का अनुपात 5 साल में 24% से बढ़कर 35% हो गया है, जिससे प्रशासनिक सेवाओं में उनकी मजबूत मौजूदगी साफ दिखती है.
सिविल सेवा परीक्षा में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है और सरकार द्वारा बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों ने इस बदलाव को और साफ कर दिया है.
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कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में सफल होने वाली महिलाओं का अनुपात 2019 के 24 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 35 प्रतिशत हो गया है.
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पांच साल के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि अंतिम मेरिट लिस्ट में महिला उम्मीदवारों की वास्तविक संख्या में भी लगातार वृद्धि हुई है. 2019 में 922 सफल उम्मीदवारों में से 220 महिलाएं थीं, जबकि 2023 में 1,132 में से 397 महिलाएं सफलता हासिल करने में कामयाब रहीं.
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यह बढ़ोतरी दिखाती है कि महिलाओं अब प्रशासनिक सेवाओं में अधिक सक्रिय रूप से कदम बढ़ा रही हैं और देश की सर्वोच्च सेवाओं में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं.
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सिर्फ महिलाओं की संख्या ही नहीं, बल्कि सिविल सेवा परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों की शैक्षणिक पृष्ठभूमि से जुड़ा एक और रोचक रुझान सामने आया है. मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का दबदबा पिछले वर्षों की तरह इस बार भी बरकरार रहा है.
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2023 में कुल 554 इंजीनियरिंग स्नातकों की अनुशंसा की गई, जबकि मानविकी के 368, विज्ञान के 137 और चिकित्सा विज्ञान के केवल 73 उम्मीदवारों को जगह मिली.
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इससे यह साफ होता है कि उच्च प्रतिस्पर्धी माहौल में तैयार होने की आदत, विश्लेषणात्मक सोच और तकनीकी समझ इस पृष्ठभूमि वाले छात्रों को परीक्षा में बढ़त दिलाती है.
Published at : 11 Dec 2025 02:33 PM (IST)
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