हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली में प्रदुषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. ऐसे में लोगों का ना सिर्फ सांस लेना मुश्किल हो रहा है बल्कि लोगों में कई बीमारियां भी देखने को मिल रही है. एक हालिया रिसर्च में ये बात सामने आई है कि प्रदुषण से कैंसर भी हो सकता है. जानिए क्या कहती है ये रिसर्च.
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अरविंद कुमार ने बताया कि फेफड़े का कैंसर खतरनाक बीमारी है और इसके निदान के बाद पांच साल तक जीवित रहने की उम्मीद होती है. धूम्रपान नहीं करने वाले युवाओं और महिलाओं में बढ़ते मामले को देखकर हम हैरान रह गए.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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एसजीआरएच में फेफड़ों के सर्जन अरविंद कुमार ने कहा कि इन मरीजों में तकरीबन 50 प्रतिशत धूम्रपान नहीं करते थे. (50 वर्ष से कम) उम्र समूह में यह आंकड़ा बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया. फोटोः गूगल फ्री इमेज
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सर गंगा राम अस्पताल (एसजीआरएच) में डॉक्टरों ने अध्ययन के नतीजे को चिंताजनक बताया है. इसके तहत मार्च 2012 से जून 2018 तक 150 से ज्यादा मरीजों का विश्लेषण किया गया.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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आमतौर पर ये माना जाता है कि लंग कैंसर की धूम्रपान मुख्य वजह है लेकिन ठोस सबूत हैं कि फेफड़े के कैंसर के बढ़ते मामलों में प्रदूषित हवा की भूमिका बढ़ रही है.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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फेफड़े के कैंसर से धूम्रपान करने वाले ही नहीं बल्कि धूम्रपान नहीं करने वाले लोग भी जूझ रहे हैं और ऐसा शायद बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हो रहा है. पिछले छह साल में किये गए एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
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ये रिसर्च के दावे हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.