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Asthi Visarjan: अंतिम संस्कार के 3 दिन बाद क्यों अस्थियां इकठ्ठा करना होता है जरूरी?
Asthi Visarjan: हिंदू धर्म में दाह संस्कार के बाद मृतक की अस्थियां गंगा में विसर्जित की जाती है. लेकिन दाह संस्कार के तीन दिन बाद ही अस्थियां एकत्रित की जाती है. जानें आखिर इसके पीछे क्या वजह है?
अंतिम संस्कार नियम
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मृत्यु के बाद दाह संस्कार करना हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में अंतिम संस्कार है, जिसे अंत्येष्टि संस्कार कहा जाता है. दाह संस्कार के बाद मृतक की अस्थियों का विसर्जन करना भी महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. इससे आत्मा को शांति मिलती है.
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अस्थि विसर्जन का अर्थ होता है मृतक की हड्डियों और राख को किसी पवित्र नदी में विसर्जित करना. शास्त्रों में दाह संस्कार के अधिकतम तीन दिन तक अस्थि विसर्जन कर देना उपयुक्त बताया गया है.
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लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर क्यों दाह संस्कार के तीन दिन बाद ही इकट्ठा की जाती है अस्थियां. गरुड़ पुराण के अनुसार दाह संस्कार के तीन, सात या नौवें दिन अस्थि इकट्ठा की जा सकती हैं.
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ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि, अंतिम संस्कार के तीसरे दिन अस्थि एकत्रित करना सबसे उपयुक्त होता है. क्योंकि मंत्रों के उच्चारण से अस्थियों में आकाश और तत्वों की संयुक्त तंरगों का संक्रमण होता है जोकि तीन दिन बाद कम होने लगता है.
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अस्थियों पर कोई अनिष्ट या नकारात्मक शक्तियों का कब्जा न हो जाए, इसलिए अस्थियां तीन दिन में श्मशान से हटा लेनी चाहिए. मानव शरीर पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश से मिलकर बना है और दाह संस्कार के बाद शरीर इन्हीं 5 तत्वों में विलीन हो जाता है.
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अंतिम संस्कार के तीसरे दिन अस्थियां चुनकर इकट्ठा की जाती है और बहते जल में धोकर धातु या मिट्टी के बर्तन में रखा जाता है. फिर उपयुक्त तिथि देखकर पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है. अस्थि विसर्जन के बाद मृतक पूर्ण रूप से इस संसार से मुक्त हो जाता है.
Published at : 15 Apr 2025 02:44 PM (IST)
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