दो बार 12वीं में फेल होकर राजनीति की पहली परीक्षा पास करने वाले जिग्नेश मेवाणी की कहानी
जिग्नेश मेवाणी के बारे में एक दिलचस्प बात ये है कि वो बारहवीं में दो बार फेल हो चुके हैं. विज्ञान में फेल होने के कारण उन्होंने आर्ट्स विषय से बारहवीं की.

नई दिल्ली: गुजरात में नई सरकार का गठन भी नहीं हुआ है लेकिन यहां की युवा तिकड़ी यानी हार्दिक, अल्पेश, जिग्नेश ने सरकार के खिलाफ आंदोलन की रूप रेखा तैयार करना शुरू कर दिया है. दलित अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले और अब निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने अपनी विधानसभा वडगाम से पहली बार अहमदाबाद आने पर सबसे पहले पाटीदार आरक्षण नेता हार्दिक पटेल से मुलाकात की.
अल्पेश ठाकोर ने कहा कि गुजरात की तस्वीर युवा लिखेंगे और तीनों युवा नेताओं की तिकड़ी मिल कर काम करेगी. जातिवाद के आरोप लगने पर जिग्नेश ने कहा कि गुजरात के तीनों युवा नेता आने वाले दिनों में इकट्ठे आकर जाति-धर्म से ऊपर उठने की अपील लोगों से करेंगे.
आज की मुलाकात के बारे में जिग्नेश ने कहा कि हमने गुजरात की साढ़े छह करोड़ जनता के सवालों को लेकर बात की. अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की खस्ताहालत का मुद्दा उठाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब मोदी को रिटायरमेंट ले लेना चाहिए. अब इस देश का युवा लड़ेगा. वो युवाओं के रोजगार की बात क्यों नहीं करते? उन्होंने चुनाव में विकास के मुद्दे पर क्यों बात नहीं की? 150 सीट का घमंड उतर कर 99 पर आ गया. 2019 में भी इतना ही आएगा. कांग्रेस के प्रदर्शन पर जिग्नेश ने कहा कि कांग्रेस ने बीजेपी को नीचे ला दिया यही उसकी नैतिक जीत है.
इससे पहले जिग्नेश जब अपने घर पहुंचे तो पहले से ही स्वागत के लिए अहमदाबाद के चुवाल नगर में पूरा इलाका उमड़ पड़ा. लोगों के हुजूम और आर्केस्ट्रा के साथ जिग्नेश रोड शो के अंदाज में कार की छत पर खड़े होकर आए. रात ग्यारह बजे भी उनके स्वागत में महिलाएं, बच्चे, नौजवान आदि खड़े थे. स्वागत में उमड़ी भीड़ से उत्साहित जिग्नेश ने कहा कि युवा जोश में हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि उनमें से कोई विधानसभा पहुंचा है. मैं उम्मीदों पर खड़ा उतरने की कोशिश करूंगा.
जिग्नेश की मां चंद्रा बेन ने कहा कि वो बहुत दिनों बाद लौट रहा है उसे घर की सब्जी रोटी खिलाऊंगी. उन्होंने कहा कि बेटे की जीत से वो बहुत खुश हैं और वो जो भी करेगा अच्छा करेगा. उसका काम ही उसे आगे के जाएगा. जिग्नेश के मां और पिता दोनों सरकारी सेवा से रिटायर्ड हैं. इसके अलावा परिवार में जिग्नेश का एक छोटा भाई है जो सरकारी नौकरी करता है. पूरा परिवार उच्च मध्यम वर्ग में आता है.
पिछले दिनों ऊना में दलितों पर अत्याचार के खिलाफ जिग्नेश ने बड़ा आंदोलन खड़ा किया और चर्चा में आए. उन्होंने बनासकांठा के वडगाम सीट से साढ़े उन्नीस हजार के अंतर से जीत दर्ज की. जिग्नेश ने निर्दलीय चुनाव लड़ा हालांकि उन्हें कांग्रेस का समर्थन मिला. जिग्नेश एक वकील हैं. उन्होंने पत्रकारिता का कोर्स किया हुआ है. जिग्नेश के बारे में एक दिलचस्प बात ये है कि वो बारहवीं में दो बार फेल हो चुके हैं. विज्ञान में फेल होने के कारण उन्होंने आर्ट्स विषय से बारहवीं की. लेकिन आज की तारीख में उन्होंने राजनिति की चाल समझने का ऐसी कला है कि उनके जानने वाले उन्हें दूसरा 'दूसरा-अम्बेडकर' कहते हैं. जाहिर है दो बार बारहवीं फेल करने वाले जिग्नेश ने अपनी राजनीतिक परीक्षा पास कर ली है.
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