क्या पाकिस्तान की तरह भारत भी कभी भी दाग सकता है परमाणु बम, या इसको लेकर है कोई नियम
हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बड़ा बयान दिया कि हम परमाणु शक्ति हैं. अगर हम डूबे तो आधी दुनिया को ले डूबेंगे. क्या भारत भी कभी भी परमाणु बम दाग सकता है या इसके कोई नियम हैं

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के समय परमाणु हथियारों की नीति हमेशा में चर्चा में रही है. पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया. अमेरिका यात्रा के दौरान उन्होंने परमाणु युद्ध की धमकी दी उन्होंने कहा कि देश पर खतरा आने पर वह परमाणु युद्ध भी कर सकते हैं. पाकिस्तान के इस धमकी की हर तरफ चर्चा हो रही है ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्या पाकिस्तान की तरह भारत कभी भी परमाणु बम दाग सकता है या इसके लिए कोई नियम हैं? चलिए इस सवाल जानने की कोशिश करते हैं.
भारत-पाकिस्तान के पास कितने परमाणु हथियार?
बता दें कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं. भारत ने 1974 में अपना पहला परमाणु परीक्षण 'स्माइलिंग बुद्धा' किया और 1998 में पोखरण-II परीक्षणों के बाद खुद को परमाणु शक्ति घोषित किया. वहीं, पाकिस्तान ने 1998 में छह परमाणु परीक्षण किए और परमाणु शक्ति बन गया. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास लगभग 172 परमाणु हथियार हैं. जबकि पाकिस्तान के पास करीब 170 हैं. लेकिन इन हथियारों के इस्तेमाल को लेकर दोनों देशों की नीतियां बिल्कुल अलग हैं.
भारत की परमाणु नीति
भारत ने 1999 में अपनी परमाणु नीति में 'नो फर्स्ट यूज' (NFU) सिद्धांत अपनाया. इसका मतलब है कि भारत कभी भी पहले परमाणु हमला नहीं करेगा. भारत की नीति कहती है कि परमाणु हथियार केवल आत्मरक्षा के लिए हैं और इनका उपयोग तभी होगा, जब भारत पर परमाणु, जैविक या रासायनिक हमला हो. भारत की नीति 'विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध' पर आधारित है, जिसका उद्देश्य दुश्मन को हमला करने से रोकना है. अगर कोई देश भारत पर परमाणु हमला करता है, तो भारत की जवाबी कार्रवाई इतनी व्यापक होगी कि दुश्मन की सैन्य क्षमता नष्ट हो जाए. भारत ने गैर-परमाणु हथियार संपन्न देशों के खिलाफ इन हथियारों का उपयोग न करने का भी वचन दिया है.
पाकिस्तान की परमाणु नीति
इसके विपरीत पाकिस्तान की कोई स्पष्ट परमाणु नीति नहीं है. वह किसी भी समय, किसी भी खतरे के जवाब में परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है. पाकिस्तान के पास चार प्रमुख ट्रिगर हैं. भौगोलिक, सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता. उदाहरण के लिए, अगर पाकिस्तान का कोई बड़ा भूभाग खतरे में पड़ता है या उसकी सेना को भारी नुकसान होता है, तो वह परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है.
दोनों देशों के बीच समझौता
भारत और पाकिस्तान ने 1988 में 'नॉन-न्यूक्लियर एग्रेशन एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर किए, जिसे 1991 में मंजूरी मिली. इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं करेंगे और हर साल 1 जनवरी को अपनी परमाणु सुविधाओं की सूची साझा करते हैं.
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