Sikh In Canada: जब कनाडा से जबरन भारत भेजे गए थे हिंदू, मुस्लिम और सिख, करीब 19 लोगों की हुई थी मौत
Sikh In Canada: साल 1897 में भारतीय ब्रिटिश सैनिकों की एक टुकड़ी लंदन गई थी, जिसमें कुछ सिख सिपाही शामिल थे, इनमें से कुछ सिख सैनिकों ने कनाडा में ही बसने का फैसला किया.
Sikh In Canada: कनाडा और भारत का काफी पुराना रिश्ता रहा है. भारत के लाखों लोग पिछले कई सालों से कनाडा में रह रहे हैं और लगातार उनकी संख्या में इजाफा हो रहा है. कनाडा दुनिया के उन देशों की फेहरिस्त में शामिल है, जहां भारतीय सबसे ज्यादा रहना पसंद करते हैं. हालांकि पिछले कुछ वक्त से भारत और कनाडा के रिश्तों में कड़वाहट देखी जा रही है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद से विवाद बढ़ गया है. आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे इस विदेशी धरती में सिख पहुंचे और फिर उन्हें जबरन भारत भेजा गया.
कनाडा में रहते हैं लाखों सिख
दरअसल सिख कई दशकों पहले से ही कनाडा में रहने लगे थे. इसके बाद हर साल ये संख्या लगातार बढ़ती चली गई और आज 8 लाख से भी ज्यादा सिख कनाडा में रहते हैं. इनमें से ज्यादातर के पास यहां की नागरिकता है. खासतौर पर पंजाब राज्य से सबसे ज्यादा सिख कनाडा जाते हैं और वहां नौकरी करते हैं.
भारतीयों का हुआ विरोध
सबसे पहले 1897 में भारतीय ब्रिटिश सैनिकों की एक टुकड़ी लंदन गई थी, जिसमें कुछ सिख सिपाही शामिल थे, इनमें से कुछ वहीं रुक गए और बस गए. जिसके बाद ये सिलसिला शुरू हो गया. हालांकि ये इतना आसान भी नहीं था, भारतीयों की संख्या बढ़ती देख अंग्रेजों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया. भारतीयों के खिलाफ नस्ली हमले और नस्ली टिप्पणी भी खूब हुई.
19 लोगों की हुई मौत
1914 में एक वक्त ऐसा भी आया जब भारतीय नागरिकों को जबरन कनाडा से भेजा गया. एक समुद्री जहाज में भरे हिंदुओं, मुस्लिमों और सिखों को पश्चिम बंगाल में कोलकाता के बज बज घाट पर लौटना पड़ा. इस जहाज को कनाडा में नहीं घुसने दिया गया था. इस पूरी घटना के दौरान 19 भारतीयों की मौत हो गई थी. हालांकि इसके बाद नियमों में बदलाव किया गया और सिखों के लिए कनाडा के दरवाजे पूरी तरह से खुल गए.
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