DU Admission 2025: अगर CUET UG में नंबर बराबर आए तो किसे मिलेगा दाखिला? जानें टाई ब्रेकर नियम!
DU में CUET UG 2025 के जरिए एडमिशन होगा, लेकिन अगर दो छात्रों के समान अंक आए तो किसे मिलेगा दाखिला? जानिए टाई ब्रेकर नियम, 12वीं के अंक, उम्र और लॉटरी सिस्टम कैसे करेगा फैसला!

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए हर साल लाखों छात्र तैयारी करते हैं. इस बार 2025 में भी दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (CUET UG 2025) का आयोजन होने जा रहा है. यह परीक्षा 8 मई से 1 जून 2025 के बीच होगी. इसके नतीजे आने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी अपने कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS) के जरिए छात्रों को दाखिला देगी. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि दो छात्रों के CUET UG में अंक एकसमान आ जाते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर दाखिला किसे मिलेगा? इसके लिए DU ने टाई ब्रेकर नियम बनाया है.
टाई ब्रेकर नियम क्या है और यह कब लागू होता है?
जब CUET UG परीक्षा में दो छात्रों के अंक एक जैसे हो जाते हैं और कॉलेज में सीटें कम होती हैं, तो टाई ब्रेकर नियम का इस्तेमाल किया जाता है. इसका मतलब है कि ऐसे हालात में यह तय करने के लिए कुछ खास तरीके अपनाए जाते हैं कि दाखिला किस छात्र को मिलेगा. यह नियम इसलिए जरूरी है क्योंकि हर साल DU में सीटों की संख्या सीमित होती है और छात्रों की भीड़ बहुत ज्यादा होती है. ऐसे में सही और निष्पक्ष तरीके से फैसला लेना जरूरी हो जाता है.
टाई ब्रेकर नियम के तहत सबसे पहले छात्रों की 12वीं कक्षा के अंकों को देखा जाता है. जिस छात्र के 12वीं में ज्यादा अंक होंगे, उसे पहले मौका मिलेगा. मान लीजिए दो छात्रों के CUET UG में 600 अंक आए, लेकिन एक के 12वीं में 95% हैं और दूसरे के 90%, तो जिसके 95% हैं, उसे प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन अगर 12वीं के अंक भी बराबर हो जाएं, तो फिर उम्र को आधार बनाया जाता है. इसमें जो छात्र उम्र में बड़ा होगा, उसे आगे रखा जाएगा. उदाहरण के लिए, अगर एक छात्र 18 साल का है और दूसरा 17 साल का, तो 18 साल वाले को वरीयता मिलेगी.
अब अगर 12वीं के अंक और उम्र दोनों ही एकसमान हों, तो क्या होगा? ऐसी स्थिति में DU लॉटरी सिस्टम का सहारा लेती है. यानी एक तरह से किस्मत आजमाई जाती है और लॉटरी के जरिए फैसला किया जाता है कि किसे सीट मिलेगी. यह तरीका पूरी तरह निष्पक्ष होता है और इसमें किसी का पक्षपात नहीं होता.
DU में कितने कॉलेज और कोर्स हैं?
दिल्ली यूनिवर्सिटी के 69 कॉलेजों में कुल 79 स्नातक कोर्स में दाखिला CUET UG 2025 के स्कोर के आधार पर होगा. इन कोर्स में बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे कई लोकप्रिय प्रोग्राम शामिल हैं. इसके अलावा कुछ कॉलेज डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी ऑफर करते हैं, जिनमें भी CUET स्कोर के जरिए एडमिशन मिलेगा. यानी अगर आप DU में पढ़ना चाहते हैं, तो CUET UG की तैयारी बहुत जरूरी है.
आवेदन से पहले यह बातें ध्यान रखें
DU में 79 कोर्स होने की वजह से हर कोर्स की योग्यता अलग-अलग है. इसलिए जब CUET का रिजल्ट आएगा और CSAS के तहत आवेदन शुरू होंगे, तो छात्रों को यह अच्छे से जांच लेना चाहिए कि वे जिस कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं, उसके लिए जरूरी शर्तें पूरी करते हैं या नहीं. अगर आप योग्य नहीं होंगे, तो आवेदन करने का कोई फायदा नहीं होगा. इसलिए पहले नियम पढ़ लें और फिर सोच-समझकर आवेदन करें. इससे आपका चयन होने की संभावना बढ़ जाएगी.
CSAS की प्रक्रिया कब और कैसे शुरू होगी?
CUET UG 2025 की आवेदन प्रक्रिया हाल ही में खत्म हुई है और अब परीक्षा की तैयारी चल रही है. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने साफ कर दिया है कि जैसे ही CUET के नतीजे आएंगे, वैसे ही CSAS की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस प्रक्रिया में छात्रों को ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा. इसके बाद वे अपनी पसंद के कॉलेज और कोर्स चुन सकेंगे. यानी आपको पहले से तय करना होगा कि आप कौन से कॉलेज और कोर्स में पढ़ना चाहते हैं, ताकि सही समय पर सही चॉइस भर सकें.
DU में दाखिला लेना हर छात्र का सपना होता है, लेकिन इसके लिए सही जानकारी और तैयारी बहुत जरूरी है. टाई ब्रेकर नियम इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाता है. अगर आप मेहनत करेंगे और नियमों को समझेंगे, तो आपका दाखिला पक्का हो सकता है. तो तैयार रहें, CUET UG 2025 की परीक्षा दें और अपने सपनों को पूरा करें.
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