'सिम स्वैप अटैक' के बारे में जानते हैं आप? मोबाइल में घुसकर लूटते हैं स्कैमर्स, शिकार होने से पहले जानें बचने के तरीके
Sim Swap Attack: सिम स्वैप अटैक से स्कैमर्स आपका मोबाइल नंबर अपने कंट्रोल में लेकर बैंक, ईमेल और सोशल मीडिया तक पहुंच बना लेते हैं. एक छोटी भूल आपकी पूरी डिजिटल लाइफ खतरे में डाल सकती है.

Sim Swap Attack: आजकल साइबर अपराध के मामले इतनी तेजी से बढ़े हैं कि हर कोई कहीं न कहीं इसकी चपेट में आने का डर महसूस करता है. पिछले कुछ सालों में ठगी के तरीके इतने बदले हैं कि स्कैमर्स अब सिर्फ लिंक या कॉल से नहीं. सीधे आपके मोबाइल नेटवर्क पर हमला कर रहे हैं. इसी वजह से सिम स्वैप अटैक सबसे खतरनाक स्कैम बन गया है.
इसमें ठग आपका नंबर अपने कंट्रोल में लेकर बैंक, ईमेल और सोशल मीडिया सबकुछ हासिल कर लेते हैं. एक छोटी सी चूक आपकी डिजिटल लाइफ किसी और के हाथों में पहुंचा सकती है. यही वजह है कि इसे समझना और इससे बचना जरूरी है. चलिए आपको बताते हैं कैसे होता है सिम स्वैप अटैक और कैसे इससे आप बच सकते हैं.
सिम स्वैप अटैक कैसे होता है?
आजकल कई तरह से साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है. जिसमें एक है सिम स्वैप अटैक. इसमें स्कैमर्स जिस कंपनी का आपका सिम होता है. उस कंपनी के ऑपरेटर को यह यकीन दिला देते हैं कि वह ही असली अकाउंट होल्डर हैं. वह आपकी चोरी हुई पर्सनल इंफाॅर्मेशन का इस्तेमाल करके नया सिम इश्यू करवा लेते हैं और जैसे ही नया सिम एक्टिव होता है.
आपका पुराना सिम बंद हो जाता है. इसके बाद आपके मोबाइल पर आने वाले OTP, बैंक अलर्ट, ईमेल वेरिफिकेशन कोड, सब उन तक पहुंचने लगते हैं. इसके बाद आपके किसी भी अकाउंट का पासवर्ड चेंज करना उनके लिए कुछ सेकंड का काम बन जाता है. कई लोग इसी तरह बैंक बैलेंस, ईमेल, सोशल मीडिया सबकुछ गंवा चुके हैं.
डेटा लीक से स्कैमर्स तक पहुंचती है जानकारी
ज्यादातर मामलों में सिम स्वैप अटैक एक दिन में नहीं होता. इसकी शुरुआत सालों पहले लीक हुए डेटा से होती है. कई वेबसाइट्स, ऐप्स और कंपनियों से निकला पुराना डेटा हैकर फोरम्स पर आसानी से मिल जाता है. इसमें आपका फोन नंबर, ईमेल, डेट ऑफ बर्थ, एड्रेस और कभी-कभी पासवर्ड तक शामिल होता है.
स्कैमर्स इन्हीं लीक रिकॉर्ड्स को मिलाकर आपकी आइडेंटिटी की प्रोफाइल तैयार करते हैं. इसके बाद वह आपके सिम नेटवर्क ऑपरेटर पर कॉल करके खुद को आप बताकर नया सिम मांगते हैं. बहुत से लोग अपने पुराने डेटा ब्रीच के बारे में जानते भी नहीं और बिना सोचे वही पासवर्ड हर जगह इस्तेमाल करते रहते हैं. जिसका स्कैमर्स फायदा उठाते हैं.
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हर चीज पर मंडराता है खतरा
सिम स्वैप या डेटा लीक का असर सिर्फ बैंक अकाउंट तक ही नहीं रहता. ठग कई बार आपकी ईमेल आईडी से जुड़े तमाम सब्सक्रिप्शन और प्रोफाइल भी हथिया लेते हैं. कई लोगों के नेटफ्लिक्स, स्पॉटिफाई और डिज्नी अकाउंट इसी तरह हाइजैक हो चुके हैं. कहीं सब्सक्रिप्शन प्लान बढ़ा दिया जाता है.
कहीं पेमेंट कार्ड जोड़ दिया जाता है या कभी अकाउंट में अनवांटेड कंटेंट पोस्ट कर दिया जाता है. छोटे बिजनेस चलाने वाले लोगों के साथ और बड़ा खतरा होता है. उनका सोशल मीडिया या बिजनेस मैनेजर अकाउंट कंट्रोल में आते ही स्कैमर्स उनकी तरफ से ऐड रन कर देते हैं और कई हजार रुपये उड़ा देते हैं.
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सिम स्वैप अटैक से कैसे बचें?
सिम स्वैप अटैक से बचने के लिए कुछ बेसिक लेकिन जरूरी स्टेप्स अपनाने पड़ते हैं. सबसे पहले जहां भी पाॅसिबल हो नंबर-बेस्ड OTP के बजाय ऐप-बेस्ड ऑथेंटिकेशन इस्तेमाल करें. फोन नंबर को किसी भी हर जगह शेयर करने से बचें. अपने सभी अकाउंट के पासवर्ड अलग-अलग और स्ट्रॉन्ग रखें.
किसी अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें. चाहे वह कितना भी असली लगे. अपने मोबाइल नंबर पर अचानक नेटवर्क बंद होने या सिग्नल गायब होने को हल्का न समझें. यह सिम स्वैप का संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति में तुरंत अपने नेटवर्क ऑपरेटर और बैंक को सूचित करें जिससे नुकसान से बचा जा सके.
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