सिक्योरिटी एजेंसी चलाने के क्या हैं नियम, इसके लिए कहां करना होता है आवेदन
Security Agency: सिक्योरिटी एजेंसी शुरू करने के लिए सरकार ने खास नियम बनाए हैं. जान लीजिए कैसे मिलता है इसके लिए लाइसेंस. कौनसी होती हैं जरूरी शर्तें और क्या है आवेदन की प्रक्रिया.

Security Agency: आज के समय में सिक्योरिटी एजेंसियों की मांग लगातार बढ़ रही है. मॉल, ऑफिस, बैंक, अस्पताल और बड़ी कंपनियों में सिक्योरिटी गार्डों की जरूरत रोजाना पड़ती है. यही वजह है कि लोग सिक्योरिटी एजेंसी खोलने में रुचि दिखाते हैं. लेकिन सिर्फ गार्ड भर्ती करके उन्हें नौकरी पर भेज देना ही काफी नहीं होता. सिक्योरिटी एजेंसी चलाने के लिए सरकार ने अलग-अलग नियम और प्रावधान बनाए हैं.
इस काम को करने वाली एजेंसियों को लाइसेंस लेना जरूरी है. और इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं. कई बार लोग बिना नियमों की जानकारी के एजेंसी शुरू कर देते हैं. लेकिन उन्हें बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए पहले यह जानना जरूरी है कि सिक्योरिटी एजेंसी चलाने के लिए कौन-कौन से नियम लागू होते हैं और आवेदन प्रक्रिया कहां से शुरू करनी होती है. चलिए बताते हैं पूरी प्रोसेस.
सिक्योरिटी एजेंसी चलाने के नियम
भारत में सिक्योरिटी एजेंसियां प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट (PSARA) 2005 के तहत चलती हैं. इसके हिसाब से कोई भी व्यक्ति या कंपनी तभी एजेंसी चला सकती है. जब उसके पास लाइसेंस हो. लाइसेंस के लिए जरूरी है कि आवेदन करने वाला भारतीय नागरिक हो और उसका क्राइम रिकॉर्ड बिल्कुल साफ हो. इसके अलावा एजेंसी मालिक की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होनी चाहिए.
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जिससे वह समय पर गार्डों की सैलरी दे सके. एजेंसी को अपने सिक्योरिटी गार्डों को तय नियमों के मुताबिक ट्रेनिंग देना जरूरी है. गार्ड की उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए और उसकी हेल्थ और मेंटल कंडीशन अच्छी होनी चाहिए. यह सब चेक होने के बाद ही गार्ड को नौकरी पर रखा जा सकता है.
आवेदन कैसे करें?
सिक्योरिटी एजेंसी का लाइसेंस राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाता है. इसके लिए आपको अपने राज्य की गृह मंत्रालय या पुलिस विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा. वहां PSARA लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा मिलती है. आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, रजिस्टर्ड ऑफिस का पता, गार्ड ट्रेनिंग सेंटर की जानकारी और पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट देनी होती है.
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आपको बता दें कुछ राज्यों में आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन भी होती है. जहां गृह मंत्रालय के विभाग में जाकर फॉर्म जमा करना पड़ता है. आवेदन करने के बाद अधिकारियों द्वारा जांच की जाती है और सब कुछ सही मिलने पर लाइसेंस जारी कर दिया जाता है. यह लाइसेंस सामान्यत: पांच साल के लिए वैध होता है और समय-समय पर इसका नवीनीकरण करना जरूरी होता है.
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Source: IOCL






















