किसी कंपनी के प्रोडक्ट पर शक हो तो कहां करें शिकायत? जानें अपने काम की बात
Low Quality Product Complaint: अगर किसी प्रोडक्ट की क्वालिटी पर शक हो जाए. तो ऑनलाइन पोर्टल पर तुरंत शिकायत दर्ज कर सकते हैं या फिर इन जगहों पर भी कंप्लेंट कर सकते हैं. जान लें तरीके.

Low Quality Product Complaint: हाल ही में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पतंजलि कंपनी का देसी घी सैंपल टेस्ट में फेल हो गया. इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कंपनी और दुकानदारों पर जुर्माना लगाया. इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि अगर आपको भी किसी कंपनी के प्रोडक्ट की क्वालिटी पर शक हो तो क्या किया जाए. हर दिन हम कई ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड चीजें खरीदते हैं.
लेकिन आम तौर पर शिकायत की कहां करनी हो इसे लेकर लोग कन्फ्यूज रहते हैं. कभी अगर आपरो किसी खाने-पीने की चीज, कंज्यूमर प्रोडक्ट या किसी मेडिकल आइटम की क्वालिटी खराब लगे. तो उसके लिए प्रक्रियाएं तय की गई हैं. जिनसे ग्राहक गलत प्रोडक्ट से बच पाते हैं. चलिए बताते हैं ऐसे में आप कहां शिकायत कर सकते हैं.
सबसे पहले कहां करें शिकायत?
अगर आपको किसी प्रोडक्ट की क्वालिटी खराब लगे. उसमें गड़बड़ी दिखे या इस्तेमाल के बाद कोई नुकसान महसूस हो. तो सबसे पहला स्थानीय फूड सेफ्टी या कंज्यूमर अफेयर्स विभाग से संपर्क करना होता है. हर जिले में फूड सेफ्टी ऑफिसर मौजूद होते हैं. जो ऐसे मामलों की जांच करते हैं. आप उपभोक्ता हेल्पलाइन 1800-11-4000 पर कॉल कर सकते हैं या NCH की वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
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प्रोडक्ट की बिल, पैकिंग की तस्वीरें और क्या कमी लग रही है इसकी डिटेल बताएं. इससे केस जल्दी आगे बढ़ता है. अगर मामला खाने-पीने से जुड़ा है तो FSSAI पोर्टल पर भी शिकायत की सुविधा मिलती है. यहां दी गई शिकायतें सीधे विभागों तक पहुंचती हैं और जांच की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
कंपनी के खिलाफ आगे क्या कार्रवाई होती है?
जब शिकायत दर्ज हो जाती है तो अधिकारी प्रोडक्ट का सैंपल लेते हैं और लैब टेस्ट कराया जाता है. अगर सैंपल फेल होता है या गड़बड़ी साबित होती है, तो कंपनी और दुकानदार दोनों पर नियमों के हिसाब से कार्रवाई होती है. कई बार प्रोडक्ट बैन तक हो सकता है या कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया जाता है.
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जरूरत पड़ने पर कोर्ट केस भी चलता है. जांच के दौरान आपको कुछ जरूरी जानकारी देनी पड़ सकती है, जैसे खरीद की तारीख, बैच नंबर और शिकायत से जुड़े तथ्य. जब कार्रवाई पूरी हो जाती है. तो विभाग आपको अपडेट भी देता है.
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