सड़क पर जानबूझकर एंबुलेंस का रास्ता रोका, तो भरना पड़ जाएगा मोटा चालान, जानें नियम
Rules For Stopping Ambulance's Way: सड़क पर एंबुलेंस का रास्ता रोकना अब भारी पड़ सकता है. नियम तोड़ने वालों पर होती है सख्त कार्रवाई होगी. इस गलती के लिए भरना पड़ जाएगा इतना चालान.

सड़कों पर चलते वक्त आपको बहुत से नियमों का पालन करना होता है. कई नियम ऐसे होते हैं जो ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होते. इन्हीं में से एक नियम एंबुलेंस से जुड़ा है. अक्सर देखा जाता है कि सड़क पर जाम के दौरान लोग एंबुलेंस को रास्ता देने में लापरवाही करते हैं. कई बार तो कुछ वाहन चालक जानबूझकर भी एंबुलेंस के आगे अपनी गाड़ी लगाकर रास्ता रोक देते हैं. ऐसे हालात में मरीज को समय पर इलाज न मिल पाने का खतरा बढ़ जाता है.
ट्रैफिक नियमों में एंबुलेंस को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है. क्योंकि उसकी एक-एक सेकंड कीमती होती है. फिर भी कई लोग इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं. अब इस लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. अगर कोई ड्राइवर जानबूझकर एंबुलेंस का रास्ता रोकता है, तो उसे भारी चालान भरना पड़ सकता है. जान लें नियम.
एंबुलेंस का रास्ता रोकना अपराध
एंबुलेंस जब रास्ते गुजरती दिखती है. तो बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो मन ही मन एंबुलेंस में मौजूद मरीज की सलामती की दुआएं मांग लेते हैं. आपने देखा होगा कि कई बार ट्रैफिक जाम होने के बाद भी एंबुलेंस निकालने का रास्ता दिया जाता है. कोई भी एंबुलेंस का रास्ता नहीं रोकता. एंबुलेंस का रास्ता रोकना न सिर्फ अनैतिक है बल्कि कानूनन अपराध भी है.
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ट्रैफिक नियमों के मुताबिक हर वाहन चालक की जिम्मेदारी है कि जैसे ही एंबुलेंस का सायरन सुनाई दे. वह तुरंत साइड देकर रास्ता खाली करे. एंबुलेंस की देरी मरीज की जान ले सकती है और ऐसे में ड्राइवर को दोषी माना जाता है. अगर कोई जानबूझकर एंबुलेंस को रोकता है या आगे बढ़ने नहीं देता. तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. नियम तोड़ने पर मोटा जुर्माना भरना पड़ता है.
इतना देना पड़ सकता है जुर्माना
एंबुलेंस का रास्ता रोकने पर वाहन चालकों को मोटा जुर्माना भरना पड़ सकता है. आपको बता दें मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 194E के तहत अगर कोई वाहन चालक जानबूझकर एंबुलेंस को आगे नहीं बढ़ने देता या उसका रास्ता ब्लॉक करता है, तो उस पर 10000 रुपये तक का चालान लगाया जा सकता है.
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इस सख्त नियम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि एंबुलेंस को सड़क पर हमेशा प्राथमिकता मिले और मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके. एंबुलेंस के अलावा यह नियम फायर ब्रिगेड जैसे बाकी इमरजेंसी व्हीकल्स के लिए भी लागू है.
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