क्या शादीशुदा औरतें भी बनवा सकती हैं वसीयतनामा, उनकी मौत के बाद किसे मिलता है प्रॉपर्टी में अधिकार?
Property Rules: शादीशुदा महिला क्या अपनी वसीयत बनवा सकती हैं. जान लीजिए महिला की मौत के बाद मायका वाले या ससुराल वालों में से महिला की संपत्ति का हक किसे मिलेगा.

Property Rules: खुद की मेहनत से बनाई गई चीजों पर पूरा हक होना चाहिए और यही बात संपत्ति पर भी लागू होती है. कई बार शादी के बाद महिलाएं यह मान लेती हैं कि वसीयत उनकी जिम्मेदारी नहीं है या उनकी गैर मौजूदगी में सब कुछ अपने आप तय हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं होता. उनकी मृत्यु के बाद माता पिता और ससुराल पक्ष के बीच विवाद खड़ा हो जाता है.
कई मामलों में देखा गया है कि बिना वसीयत के मौत होने पर दोनों पक्ष संपत्ति को लेकर अदालत तक पहुंच जाते हैं. खासकर उन महिलाओं के मामले में यह ज्यादा देखा गया है जिन्होंने खुद की कमाई से मकान, जमीन या कोई और संपत्ति खरीदी है. चलिए आपको बताते हैं क्या शादीशुदा औरतें वसीयत बनवा सकती हैं. उनकी मौत के बाद उनकी संपत्ति पर किसका हक होता है.
क्या शादीशुदा औरतें भी बनवा सकती हैं वसीयत?
कई महिलाओं के मन में यह सवाल अक्सर उठता है क्या वह वसीयतनामा बनवा सकती हैं या नहीं. तो आपको बता दें शादीशुदा महिलाएं पूरी तरह से वसीयत बना सकती हैं, चाहे उनकी संपत्ति स्वयं अर्जित हो या उन्हें विरासत में मिली हो. सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में इसे लेकर टिप्पणी की है. अगर कोई हिंदू महिला बिना वसीयत के मर जाती है और उसके पति, बेटे या बेटी नहीं हैं.
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तो वह वसीयत बनाकर साफ कर दें कि उनकी संपत्ति किसे मिलेगी. अदालत ने यह भी कहा कि अगर किसी महिला की मृत्यु के बाद उसके माता पिता और ससुराल पक्ष के बीच विवाद होता है. तो पहले प्री लिटिगेशन मध्यस्थता ज़रूरी होगी. इस प्रक्रिया से कई मामलों में लंबी कानूनी लड़ाई टल सकती है.
किसे मिलता है प्रॉपर्टी में अधिकार?
जब कोई महिला बिना वसीयत के मरती है. तो उसकी संपत्ति का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 15 के तहत होता है. फैसला इस बात पर निर्भर करता है कि उसके पति, बच्चे या उनके बच्चे जीवित हैं या नहीं. अगर यह लोग मौजूद हों. तो वह पहले हकदार माने जाते हैं. अगर पति या बच्चे नहीं हैं. तो संपत्ति पति के परिवार में जाती है. मायके वालों को अधिकार तभी मिलता है.
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जब पति के परिवार में कोई वारिस न हो. कुछ मामलों में पति की बहन, माता या अन्य रिश्तेदार मृत महिला की संपत्ति पर दावा करते हैं, जबकि महिला के माता पिता भी इसे अपना हक बताते हैं. यही वजह है कि वसीयत बनाना ही सबसे सही तरीका है जिससे महिला की संपत्ति किसे मिलनी चाहिए वह खुद ही तय कर सके.
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